राजधानी दिल्ली के मध्य में स्थित झंडेवालान एक सिद्धपीठ है। अपने धाार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के कारण राज्य सरकार ने भी दिल्ली के प्रासिद्ध दर्शनीय स्थलों में इसे शामिल किया है। वर्तमान में यह मंदिर झंडेवालान मेट्रो स्टेशन के पास है।
मुख्य मंदिर माँ झंडेवाली ओर माँ गुफावाली को छोड़कर मंदिर में एक संतोषी दरबार भी है जिसमें संतोषी माता, काली माता, वैष्णों माता, शीतला माता, लक्ष्मी माता, गणेश जी और हनुमान जी की प्रतिमायें स्थापित हैं। गुफा में एक प्राचीन शिवालिंग और शिव परिवार विराजमान है। मुख्य मंदिर के बाहर एक नया शिवालय ओर शिव परिवार तथा एक काली मंदिर भी है। गुफा वाली माता जी के सामने दो अखण्ड ज्योतियाँ आठ दशकों से प्रज्ज्वलित हैं।
श्री कॄष्ण छठी और अन्न्कूट के पावन दिवस पर मंदिर में भकक़्तों के लिए विशाल भण्डारे का आयोजन किया जाता है।
मंदिर का इतिहास:
झंडेवाला मंदिर का इतिहास 18वाीं सदी के उत्तरार्ध से प्रारंभ होता है। आज जिस स्थान पर मंदिर स्थित है उस समय यहां पर अरावली पर्वत श्रॄंखला की हरी भरी पहाडियाँ, घने वन और कलकल करते बहते थे। अनेक पशु पक्षियों का यह बसेरा था। इस शांत और रमणीय स्थान पर आसपास के निवासी सैर करने आया करते थे।
ऐसे ही लोगों में चांदनी चौक के एक प्रसिद्ध कपडा व्यपारी श्री बद्री दास भी थे। श्री बद्री दास धाार्मिक वॄत्ति के व्यक्ति थे और वैष्णो देवी के भक़्त थे। वे नियमित रूप से इस पहाडी स्थान पर सैर करने आते थे और ध्यान में लीन हो जाते थे।
एक बार ध्यान में लीन श्री बद्री दास को ऐसी अनुभूति हुई कि वही निकट ही एक पहाड़ी के पास स्थित एक गुफा में कोई प्राचीन मंदिर दबा हुआ है। पुनः एक दिन सपने में इसी क्षेत्र में उन्हें एक मंदिर दिखाई पडा और उन्हें लगा की कोई अदृश्य शक्ति उन्हें इस मंदिर को खोज निकालने के लिए प्रेरित कर रही है।
इस अनोखी अनुभूति के बाद श्री बद्री दास ने उस स्थान को खोजने में ध्यान लगा दिया और एक दिन स्वप्न में दिखाई दिए झरने के पास खुदाई करते समय गहरी गुफा में एक मूर्ति दिखाई दी। यह एक देवी की मूर्ति थी परंतु खुदाई में मूर्ति के हाथ खंडित हो गए इसलिए उन्होंने खुदाई में प्राप्त मूर्ति को उस के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए उसी स्थान पर रहने दिया और ठीक उसके ऊपर देवी की एक नयी मूार्ति स्थापित कर उसकी विधिवत प्राण प्रतिष्ठा करवायी।
इस अवसर पर मंदिर के ऊपर एक बहुत बडा ध्वज लगाया गया जो पहाडी पर स्थित होने के कारण दूर-दूर तक दिखाई देता था जिसके कारण कालान्तर में यह मंदिर झंडेवाला मंदिर के नाम से विख्यात हो गया।
खुदाई में प्राप्त मूार्ति जिस स्थान पर स्थापित है वह स्थान गुफा वाली माता के नाम से विख्यात हो गया। गुफा वाली देवी जी के खंडित हाथों के स्थान पर चांदी के हाथ लगाये गये और इस मूर्ति की पूजा भी पूर्ण विधि विधान से की जाने लगी। वही पर खुदाई में प्राप्त एक चटटान के ऊपर बने शिवलिंग को भी स्थापित किया गया है जिस पर नाग-नागिन का जोडा उकेरा हुआ है । यह प्राचीन गुफा वाली माता और शिवलिंग भी भक़्तों की श्रद्धा का केंद्र है । इसी गुफा में जगाई गई ज्योतियाँ भी लगभग आठ दशकों से अखंड रूप में जल रही है।
नवरात्रि:
वासंतिक व शारदीय नवरात्रि दो प्रमुख त्यौहार मंदिर में मनाये जाते हैं जिसमें लाखों श्रद्धालु मंदिर में माँ के दर्शन व माँ का आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं। यह संख्या नवरात्रों में लाखों में पहुँच जाती है । मन्दिर में नवरात्रों में विशाल भंडारे का आयोजन प्रतिदिन किया जाता है। भंडारा शुद्ध देसी घी का बनता है। लाईनों के हर छोर पर भक्तों पेय जल पहुँचाना। मन्दिर में आने वाले भक्तों की चरण पादुका रखने का कार्य इस विभाग द्वारा किया जाता है। मन्दिर पे 6 स्थानों पर चरण पादुका रखने के स्थल बनाये जाते है जो चौवीसों घण्टे कार्यरत रहते है। तीन स्थानो पर भक्तों के वाहन खडे करने की करने की नि:शुल्क व्यवस्था की जाती है। यह विभाग चौबीस घण्टे कार्यरत रहता है। प्राथमिक चिकित्सा के लिये डॉकटर उपलब्ध रहना व नि:शुल्क दवा देना भी यह विभाग देखता है। विभिन्न हस्पतालों से सपंर्क कर \"हैल्थ चैक अप कैम्प\" लगाना भी इस विभाग का कार्य है।
1. टोली विभाग
2. सुरक्षा विभाग
3. भंडारा विभाग
4. सज्जा व टैन्ट विभाग
5. सफाई विभाग
6. बिजली विभाग
7. जल विभाग
8. चरण पादुका विभाग
9. यातायात विभाग
10. अर्चक विभाग
11. फूल छटाई विभाग
12. खोया पाया विभाग
13. प्रचार विभाग
14. स्वागत कक्ष
15. स्वास्थ्य विभाग
16. नारियल विभाग व सफेदी/रंग रोगन
17. महिला सेवादार टोली
Navratri Timing:
4:00 AM - 12:00 AM [closed for cleaning 6.15 PM - 7.00 PM]
Tuesday, Sunday, Shukla Ashtami
5:00 AM - 10:00 PM
Shri Durga Ashtami
24 hrs
Arti, Hawan, Kirtan: In Navratri all timing will be changed.
4:00 AM, 7:00 PM
Special Katha & Kirtan
Poornmasi katha
Santoshi Mata Katha [Every Friday]
Maa ki Chauki & Kirtan [Every Tuesday and Saturday Evening]
Jagran [Every Shukla Ashtami]
Jhandewalan Mata Mandir in full view, one of the famous hindu Mata temple in Delhi NCR reason, which was built in 18th century
A Largest number of kar sevaks involved with this holy organization
During Navratri, any can find these large team of karsevak in well dressed uniform in all near by area from temple
Sahayak Shikhar in Jhandewalan Mata Mandir
A World class Decoration during these nine day festival Navratri
All kind of necessary facilities are also available during festival time by these Karsevar teams
Shri Ganesh dwar (gate) used as alternate entry during festival time. Also entry gate for Lord Shiva temple near main temple area
Road side entry of Jhandewalan state with welcome board and full name of temple
Jhandewalan Temple
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