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💦कुम्भ 2025: पौष पूर्णिमा - Kumbh 2025: Paush Purnima Snaan

Prayagraj Kumbh Date: Monday, 13 January 2025
कुम्भ 2025: पौष पूर्णिमा

महाकुंभ मेला हिन्दू तीर्थयात्राओं में सर्वाधिक पावन तीर्थयात्रा है। बारह वर्षों के अंतराल से यह पर्व प्रयागराज में मनाया जाता है।
मेष राशि गते जीवे मकरे चन्द्र भास्करौ ।
अमावस्या तदा योगः कुम्भख्यस्तीर्थ नायके ॥
अर्थात: मेष राशि के चक्र में बृहस्पति एवं सूर्य और चन्द्र के मकर राशि में प्रवेश करने पर अमावस्या के दिन कुम्भ का पर्व प्रयाग में आयोजित किया जाता है।

समुद्र मंथन के दौरान अमृत से भरा एक घडा भी निकला। देवगण और दानवों के बीच अमृत के लिए संघर्ष हुआ। तब देवराज इंद्र के संकेत पर उनका पुत्र जयन्त जब अमृत कुंभ लेकर भागने की चेष्टा कर रहा था, तब कुछ दानवों ने उसका पीछा किया। अमृत-कुंभ के लिए स्वर्ग में बारह दिन तक संघर्ष चलता रहा और उस कुंभ से चार स्थानों पर अमृत की कुछ बूंदें गिर गईं। यह स्थान पृथ्वी पर हरिद्वार,प्रयाग, उज्जैन और नासिक थे। इन स्थानों की पवित्र नदियों को अमृत की बूंदे प्राप्त करने का श्रेय मिला।

प्रत्येक स्थान पर बारह वर्षों के बाद समान रूप से कुंभ आयोजित होता है। अमृत-कुंभ के लिए स्वर्ग की गणना से बारह दिन तक संघर्ष हुआ, जो धरती के लोगों के लिए बारह वर्ष के समान है। प्रत्येक स्थान पर कुंभ पर्व की भिन्न-भिन्न ग्रह और तिथियाँ निश्चित हैं।

घडा को कुंभ भी कहा जाता है, अतः इन अमृत प्राप्त जगहों के विशाल आध्यात्मिक समारोह को कुंभ नाम से जाना जाने लगा।

कुंभ मेले के प्रकार:
❀ इस त्योहार की घटना हिंदू ज्योतिष के अनुसार सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति की स्थिति पर आधारित है।
❀ इलाहाबाद कुंभ मेले का आयोजन तब किया जाता है जब बृहस्पति मेष या वृष राशि में होता है और सूर्य और चंद्रमा माघ के हिंदू महीने के दौरान जनवरी-फरवरी की अवधि के दौरान मकर राशि में होते हैं।
❀ हरिद्वार कुंभ मेला तब होता है जब बृहस्पति कुंभ राशि में होता है और सूर्य मार्च-अप्रैल की अवधि के दौरान चैत्र के हिंदू महीने के दौरान मेष राशि में होता है।
❀ उज्जैन कुंभ मेला तब होता है जब बृहस्पति सिंह राशि में होता है और सूर्य मेष राशि में होता है, या जब अप्रैल-मई की अवधि के आसपास वैशाख के हिंदू महीने के दौरान तीनों तुला राशि में होते हैं।
❀ अगस्त-सितंबर की अवधि के आसपास भाद्रपद के हिंदू महीने के दौरान सूर्य और बृहस्पति सिंह राशि में होने पर नासिक कुंभ मेला लगता है।

कुंभ मेले के पीछे की पौराणिक कथा:
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, अमृत को अमरत्व की औषधि माना जाता है, जिसे समुद्र मंथन के दौरान बनाया गया था। दिव्य निर्माता भगवान ब्रह्मा ने असुरों की मदद से अमृत का मंथन करने के लिए देवताओं को निर्देश दिया। जब असुरों को देवों की योजना के बारे में पता चला कि वे इसे उनके साथ साझा नहीं करेंगे, तो उन्होंने बारह दिनों तक देवों का पीछा किया। माना जाता है कि कुंभ मेले के चार स्थल वे स्थान हैं जहां अमृत की बूंदें उस कुंभ से गिरती हैं, जबकि इसे एक देव द्वारा असुरों के हाथों से बचाने के लिए ले जाया गया था। चार बूंदें प्रयाग, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में गिरीं, जिससे इन स्थलों को रहस्यमय गुण मिले। चार पवित्र नदियाँ इन क्षेत्रों से होकर बहती हैं, जो स्नान अनुष्ठान का स्थान बनाती हैं।

ऐसा माना जाता है कि कुंभ मेले की तारीखों के दौरान, संगम का पानी अमृत में बदल जाता है, जिसमें दिव्य गुण होते हैं जो तीर्थयात्रियों को मोक्ष प्राप्त में मदद करते हैं।

संबंधित अन्य नामइलाहाबाद अर्ध कुंभ मेला, इलाहाबाद कुंभ मेला, कुंभ मेला, त्रिवेणी संगम, प्रयागराज कुम्भ, इलाहाबाद कुंभ
शुरुआत तिथिमकर संक्रान्ति
उत्सव विधिदान, नदी पर स्नान

Kumbh 2025: Paush Purnima Snaan in English

It will take place at the traditional site of Triveni Sangam in Prayag.

प्रयागराज कुंभ 2025 राजसी स्नान तिथियाँ

❀ पौष पूर्णिमा
मकर संक्रान्ति स्नान
मौनी अमावस्या स्नान
वसंत पंचमी
❀ माघी पूर्णिमा
महाशिवरात्रि स्नान

प्रयागराज कुंभ 2025 के सभी अपडेट जानने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की निम्न लिखित वेबसाइट को देखें https://kumbh.gov.in

◉ प्रशासनिक कार्यालय द्वारा दीगई सूची और अखाड़ों के कार्यक्रम से शाही शब्द को हटा दिया गया है। अब शाही स्नान की जगह राजसी स्नान और पेशवाई की जगह शोभायात्रा छावनी प्रवेश का प्रयोग किया जायेगा।

कुंभ मेला 2025 में आने के परामर्श

❀ जैसा कि यह दुनिया के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है, भीड़ में सावधानी बरतनी चाहिए।
❀ मेले के 6 सबसे शुभ स्नान तिथियों के दौरान, शहर में सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से बंद रहता है, और किसी भी वाहन को कहीं जाने की अनुमति नहीं है। पैदल ही गंतव्य तक पहुंचना होगा।
❀ हिंदुओं की बड़ी और विविध आबादी के साथ, सभी की परंपराओं और विश्वासों का सम्मान करना महत्वपूर्ण है।
❀ यदि आप अपने समूह से अलग हो जाते हैं, तो सहायता के लिए आयोजन स्थल के आसपास स्थापित 'खोया और पाया' शिविरों में जाएं।

संबंधित जानकारियाँ

आगे के त्यौहार(2025)
13 January 202514 January 202529 January 20253 February 202512 February 202526 February 2025
आवृत्ति
6 वर्ष
समय
1 महीने दिन
शुरुआत तिथि
मकर संक्रान्ति
समाप्ति तिथि
महा शिवरात्रि
महीना
जनवरी
उत्सव विधि
दान, नदी पर स्नान
महत्वपूर्ण जगह
प्रयागराज में गंगा यमुना संगम
पिछले त्यौहार
Mahashivaratri Snaan : 18 February 2023, Maghi Purnima Snaan : 5 February 2023, Mauni Amavasya Snaan : 21 January 2023, Makar Sankranti Snaan : 14 January 2023, Paush Purnima Snaan : 6 January 2023

वीडियो

जानिए क्यों प्रयाग को कहा जाता है तीर्थों का राजा | कुम्भ की कहानी | प्रयागराज कुम्भ 2019

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कुम्भ 2025: पौष पूर्णिमा 2025 तिथियाँ

FestivalDate
कुम्भ 2025: पौष पूर्णिमा13 January 2025
कुम्भ 2025: मकर संक्रांति14 January 2025
कुम्भ 2025: मौनी अमावस्या29 January 2025
कुम्भ 2025: बसंत पंचमी3 February 2025
कुम्भ 2025: माघी पूर्णिमा12 February 2025
कुम्भ 2025: महाशिवरात्रि26 February 2025
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