पारंपरिक हिंदू कैलेंडर में ज्योष्ठ माह वर्ष का तीसरा महीना होता है। बंगाल में यह बंगाली कैलेंडर का दूसरा महीना है। तमिल में, महीने को आनी के नाम से जाना जाता है।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ज्येष्ठ सूर्य के वृष राशि में प्रवेश के साथ शुरू होता है, और वैष्णव शास्त्र के अनुसार यह वर्ष का दूसरा महीना होता है। परंपरागत रूप से, ज्येष्ठ उच्च गर्मी से जुड़ा हुआ है, और ग्रेगोरियन कैलेंडर में मई-जून से मेल खाता है। इस महीने में सूर्य देवका प्रकोप बढ़ जाता है, चीजों का दान करने से सूर्य देव प्रसन्न होकर शुभ फल देते हैं।
ज्योष्ठ माह की विशेषता
ज्ज्येष्ठ महीने में रविवार का व्रत रखने का बहुत महत्व है, ऐसा करने से सूर्य देव की विशेष कृपा होती है। उनकी कृपा जीवन में अपार तरक्की, अच्छी सेहत, खूब मान-सम्मान और आत्मविश्वास देती है। इसके अलावा भी इस महीनों को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना चाहिए। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है और खूब पुण्य मिलता है।
❀ ज्येष्ठ महीने में जल का दान करने का बहुत महत्व है। इस महीने में तेज धूप पड़ती है, साथ ही जमीन में जल स्तर नीचे गिर जाता है। लिहाजा इंसानों, पशु-पक्षियों के लिए पीने के पानी का इंतजाम करें। साथ ही पेड़-पौधों को पानी दें। इससे सूर्य देव और वरुण देव प्रसन्न होते हैं।
❀ इस महीने में पानी से भरे घड़ों का दान करना बहुत पुण्यदायी माना गया है। संभव हो तो प्याऊ खुलवाएं या जहां प्याऊ हो वहां मटके दान करें।
ज्योष्ठ माह मंगलवार, 13 मई से आरम्भ हो रहा है और 11 जून 2025 को समाप्त हो रहा है
ज्योष्ठ माह 2025 व्रत और पर्वों की सूची
13 मई मंगलवार, 2025 -
नारद जयंती, इष्टि
15 मई बृहस्पतिवार, 2025 - वृषभ संक्रान्ति
16 मई शुक्रवार, 2025 -
एकदन्त संकष्टी चतुर्थी
23 मई शुक्रवार, 2025 - अपरा एकादशी
24 मई शनिवार, 2025 - प्रदोष व्रत
26 मई सोमवार, 2025 -
वट सावित्री व्रत, दर्श अमावस्या, अन्वाधान
27 मई मंगलवार, 2025 -
शनि जयंती, इष्टि, ज्येष्ठ अमावस्या
28 मई बुधवार, 2025 - चन्द्र दर्शन
5 जून बृहस्पतिवार, 2025 -
गंगा दशहरा
6 जून शुक्रवार, 2025 -
गायत्री जयंती, निर्जला एकादशी
7 जून शनिवार, 2024 - वैष्णव निर्जला एकादशी
8 जून रविवार, 2025 -
प्रदोष व्रत
10 जून मंगलवार, 2025 -
वट पूर्णिमा व्रत
11 जून बुधवार, 2025 - ज्येष्ठ पूर्णिमा, अन्वाधान
मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
श्री हरि स्तोत्रम्
विष्णु सहस्र नाम