Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - Gajendra Moksham StotramDownload APP Now - Download APP NowHanuman Chalisa - Hanuman ChalisaFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

शिशु प्रेम लेकर तो आता है - प्रेरक कहानी (Shishu Prem Lekar To Ata Hai)


शिशु प्रेम लेकर तो आता है - प्रेरक कहानी
Add To Favorites Change Font Size
शिशु जब संसार में आता है तो वह जीने का सही अर्थ जानता है - सबसे प्रेम करना। वसुधैव कुटुम्बकम् तो उसके डीएनए में है। कोई अपरिचित भी प्रेम से पुचकार दे, भरोसा जीत ले, तो चलना न भी आये तो लुढ़कता-पुढ़कता गोद में चला आता है, कुछ माँगने या पाने के लिए नहीं, बल्कि केवल प्रेम देने और लेने के लिए निस्वार्थ और निश्छल प्रेम, जिसमे सांसारिकता की कोई मिलावट नहीं।
'संसार' नाम का छलावा अभी उसे सिखाया नहीं गया! माया से दूर है। वह तो स्वयं राम है। जिसकी गोद में नन्द चला जाय उसे आ-नन्द से भर देता है, संसार नाम का दुःख भुला देता है।

नन्हा सा शिशु भी निर्बल से निर्बल व्यक्ति के सीने से लग जाय तो जीने की उमंग और पूरे ब्रह्माण्ड से लड़ने की शक्ति भर देता है, क्योंकि उस समय व्यक्ति निजी अहंकार और स्वार्थ के दलदल से ऊपर उठ जाता है, बुरे से बुरे व्यक्ति में भी शिशु पुण्य का प्रकाश भर देता है। क्योंकि शिशु परमात्मा के निकट है। उसके मन-बुद्धि-अहंकार में पिछले जन्मों से आये अच्छे-बुरे संस्कार अभी बीजरूप में ही हैं, जन्मकुण्डली में पाप की ग्रन्थियां खुली नहीं हैं।

अतः मन्दिर जाकर इष्टदेवता की आराधना करने से अधिक पुण्य तो फुटपाथ पर भटकते किसी अनाथ बच्चे की यथाशक्ति सहायता करने से मिलता है - क्योंकि परमात्मा से बड़ा कोई इष्टदेवता नहीं, वह परम आत्मीय आत्मा है। राम भी जपा तो माया के लिए। सुख खोजा केवल काया के लिए।

शिशु प्रेम लेकर तो आता है किन्तु संसार का कबाड़ा उसे नहीं आता, सीखना पड़ता है। शिशु को हम शिक्षित करते हैं ताकि संसार में जीने योग्य बन सके, समस्याओं से जूझ सके।

उसे हम शिक्षा कैसे देते हैं ? प्रतीकों (symbols) के माध्यम से। भाषा के शब्द भी प्रतीक हैं, हाव-भाव या चित्र भी प्रतीक हैं। किस चीज के प्रतीक? ऑडियो-विजुअल माध्यमों (पुस्तकों, प्रवचनों, चित्रों या चलचित्रों) द्वारा हम जो कुछ भी सिखाते हैं वे किन चीजों का ज्ञान देते हैं? वह ज्ञान कितने काम का है? इसका अर्थ सिद्ध करना चाहिए?
यह भी जानें

Prerak-kahani Shishu Prerak-kahaniChildren Prerak-kahaniChild Prerak-kahaniNew Born Prerak-kahaniVasudhaiv Kutumbakam Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि - प्रेरक कहानी

एक बार एक राजा की सभा में एक चंदन के बहुत बड़े व्यापारी ने प्रवेश किया. राजा की दृष्टि उस पर पड़ी तो उसे देखते ही अचानक उनके मन में विचार आया कि कुछ ऐसा किया जाए ताकि इस व्यापारी की सारी संपत्ति राजकोष में जमा कर दी जाए...

प्रार्थना के बाद भी भगवान नहीं सुन रहे? - प्रेरक कहानी

प्रार्थना छोड़ दोगे तो कहीं के नहीं रहोगे? प्रार्थना के बाद भी भगवान आपकी नहीं सुन रहे हैं? एक सेठ के घर के बाहर एक साधू महाराज खड़े होकर प्रार्थना कर रहे थे और बदले में खाने को रोटी मांग रहे थे।

भक्तमाल सुमेरु तुलसीदास जी - सत्य कथा

भक्तमाल सुमेरु श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज| वृंदावन में भंडारा | संत चरण रज ही नहीं अपितु पवित्र व्रजरज इस जूती पर लगी है | हां ! संत समाज में दास को इसी नाम से जाना जाता है..

तुलसीदास जी कुटिया पर श्री राम लक्षमण का पहरा - सत्य कथा

उन वीर पाहरेदारों की सावधानी देखकर चोर बडे प्रभावित हुए और उनके दर्शन से उनकी बुद्धि शुद्ध हो गयी।

दो अनमोल हीरे - प्रेरक कहानी

एक व्यापारी को बाज़ार में घूमते हुए एक बहुत अच्छी नस्ल का ऊँट दिखाई पड़ा। व्यापारी और ऊँट बेचने वाले के बीच काफी लंबी सौदेबाजी हुई और आखिर में व्यापारी ऊँट खरीद कर घर ले आया... | दुनियाँ के सबसे अमीर व्यक्ति के पास, दो अनमोल हीरे..

धैर्य से काम लेने मे ही समझदारी है - प्रेरक कहानी

बात उस समय की है जब महात्मा बुद्ध विश्व भर में भ्रमण करते हुए बौद्ध धर्म का प्रचार कर रहे थे और लोगों को ज्ञान दे रहे थे। समस्या और बुराई केवल कुछ समय के लिए..

कर्मो का उचित फल - प्रेरक कहानी

कुछ दिन पहले की बात है मैं अपने भाई के घर यानी अपने मायके गयी। वहां अपनी मम्मी और भाभी के साथ बैठ कर बातें कर रही थी।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
×
Bhakti Bharat APP