Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel
Hanuman Chalisa - Hanuman ChalisaDownload APP Now - Download APP NowAditya Hridaya Stotra - Aditya Hridaya StotraFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

सच्चे देशभक्त की निष्ठा - प्रेरक कहानी (Sachche Deshabhakt Ki Nishtha)


Add To Favorites Change Font Size
94 साल के एक बूढ़े व्यक्ति को मकान मालिक ने किराया न दे पाने पर किराए के मकान से निकाल दिया। बूढ़े के पास एक पुराना बिस्तर, कुछ एल्युमीनियम के बर्तन, एक प्लास्टिक की बाल्टी और एक मग आदि के अलावा शायद ही कोई सामान था। बूढ़े ने मालिक से किराया देने के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया। पड़ोसियों को भी बूढ़े आदमी पर दया आयी, और उन्होंने मकान मालिक को किराए का भुगतान करने के लिए कुछ समय देने के लिए मना लिया। मकान मालिक ने अनिच्छा से ही उसे किराया देने के लिए कुछ समय दिया।
बूढ़ा अपना सामान अंदर ले गया।
रास्ते से गुजर रहे एक पत्रकार ने रुक कर यह सारा नजारा देखा। उसने सोचा कि यह मामला उसके समाचार पत्र में प्रकाशित करने के लिए उपयोगी होगा। उसने एक शीर्षक भी सोच लिया, क्रूर मकान मालिक, बूढ़े को पैसे के लिए किराए के घर से बाहर निकाल देता है। फिर उसने किराएदार बूढ़े की और किराए के घर की कुछ तस्वीरें भी ले लीं।

पत्रकार ने जाकर अपने प्रेस मालिक को इस घटना के बारे में बताया। प्रेस के मालिक ने तस्वीरों को देखा और हैरान रह गए। उन्होंने पत्रकार से पूछा, कि क्या वह उस बूढ़े आदमी को जानता है?
पत्रकार ने कहा, नहीं।
अगले दिन अखबार के पहले पन्ने पर बड़ी खबर छपी। शीर्षक था, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा एक दयनीय जीवन जी रहे हैं।

खबर में आगे लिखा था कि कैसे पूर्व प्रधानमंत्री किराया नहीं दे पा रहे थे और कैसे उन्हें घर से बाहर निकाल दिया गया था। टिप्पणी की थी कि आजकल फ्रेशर भी खूब पैसा कमा लेते हैं। जबकि एक व्यक्ति जो दो बार पूर्व प्रधानमंत्री रह चुका है और लंबे समय तक केंद्रीय मंत्री भी रहा है, उसके पास अपना ख़ुद का घर भी नहीं।

दरअसल गुलजारी लाल नंदा को स्वतंत्रता सेनानी होने के कारण रु. 500 प्रति माह भत्ता मिलता था। लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इस पैसे को अस्वीकार किया था, कि उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों के भत्ते के लिए लड़ाई नहीं लड़ी। बाद में दोस्तों ने उसे यह स्वीकार करने के लिए विवश कर दिया, यह कहते हुए कि उनके पास आय का अन्य कोई स्रोत नहीं है। इसी पैसों से वह अपना किराया देकर गुजारा करते थे।

अगले दिन वर्तमान प्रधानमंत्री ने मंत्रियों और अधिकारियों को वाहनों के बेड़े के साथ उनके घर भेजा। इतने वीआइपी वाहनों के बेड़े को देखकर मकान मालिक दंग रह गया। तब जाकर उसे पता चला कि उसके किराएदार, श्री गुलजारी लाल नंदा भारत के पूर्व प्रधान मंत्री थे। मकान मालिक अपने दुर्व्यवहार के लिए तुरंत गुलजारी लाल नंदा के चरणों पर झुक गया।

अधिकारियों और वीआईपीयोंने गुलजारी लाल नंदा से सरकारी आवास और अन्य सुविधाएं को स्वीकार करने का अनुरोध किया। श्री गुलजारी लाल नंदा ने इस बुढ़ापे में ऐसी सुविधाओं का क्या काम, यह कह कर उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। अंतिम श्वास तक वे एक सामान्य नागरिक की तरह, एक सच्चे देशभक्त ही नहीं सच्चे नागरिक बन कर ही रहते रहे थे। 1997 में सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया।
यह भी जानें
अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

महात्मा की समझ से लौटी सेना? - प्रेरक कहानी

महात्मा जी ने झोले से सिक्का निकाला और राजा की हथेली पर उसे रखते हुए कहा, हे नरेश, तुम्हारा राज्य धन-धान्य से संपन्न है।

व्यवहार की सुंदरता पर ध्यान दें - प्रेरक कहानी

आप मुम्बई मेँ जुहू चौपाटी पर चल रहे हैं और सामने से एक सुन्दर लडकी आ रही है, तो आप क्या करोगे?

परमात्मा या भौतिक सांसारिक प्राप्ति? - प्रेरक कहानी

भगवन् मेरे पास आपका दिया सब कुछ है। फिर भी मेरी एक ईच्छा हॆ कि जैसे आपने मुझे दर्शन देकर धन्य किया, वैसे ही मेरी सारी प्रजा को भी दर्शन दीजिये।...

गणेश चतुर्थी कथा

पक्षी बहुत दुःखी हुआ और उसने प्रतिज्ञा की कि मैं समुद्र के जल को समाप्त कर दूंगी और अपने चोंच में सागर के जल को भर भर कर फेंकने लगी ऐसा..

श्री गणेश एवं बुढ़िया माई की कहानी

एक बुढ़िया माई थी। मिट्टी के गणेश जी की पूजा करती थी। रोज बनाए रोज गल जाए। एक सेठ का मकान बन रहा था..

राम से बड़ा राम का नाम क्यों - प्रेरक कहानी

श्री राम दरबार में हनुमानजी महाराज श्री रामजी की सेवा में इतने तन्मय हो गये कि गुरू वशिष्ठ के आने का उनको ध्यान ही नहीं रहा!...

गोस्वामी तुलसीदास की श्री हनुमान जी से भेंट - सत्य कथा

गोस्वामी तुलसीदास द्वारा श्री हनुमान जी के दर्शन: गोस्वामी जी काशी मे प्रह्लाद घाटपर प्रतिदिन वाल्मीकीय रामायण की कथा सुनने जाया करतेे थे।..

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
×
Bhakti Bharat APP