Ganeshotsav
Ganesh Aarti Bhajan - Hanuman Chalisa - Download APP Now - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel -

प्रत्येक मनुष्य में अच्छाई और बुराई है - प्रेरक कहानी (Pratyek Manushy Mein Achchhai Aur Burai Hai)


Add To Favorites Change Font Size
गुरु द्रोणाचार्य ने शिक्षा पूरी होने पर कौरव एवं पांडवों के राजकुमारों दुर्योधन तथा युधिष्ठिर को परीक्षा लेने हेतु बुलाया। गुरु द्रोणाचार्य ने सबसे पहले युधिष्ठिर और फिर दुर्योधन को एक अच्छा व्यक्ति ढूंढकर लाने को कहा। दोनों राजुकमार चल अपने-अपने गुरु की आज्ञा अनुसार चल दिए।
सारा दिन खाली हाथ भटकने के बाद शाम को दोंनो वापिस गुरुकुल आए। दुर्योधन बोला, गुरुजी मुझे तो कोई भी भला आदमी नहीं मिला, जिसे में आपके पास लाता। दूसरी ओर युधिष्ठिर ने कहा, गुरुदेव में सभी बुरे कहे जाने वाले व्यक्तियों के पास गया।

उनसे मिलकर मैंने पाया कि उनमें तो अनेक गुण हैं। मुझे कोई व्यक्ति ऐसा नहीं मिला जो पूरी तरह से बुरा हो। क्षमा कीजिए मैं आपके कार्य को नहीं कर पाया।

तब गुरु द्रोण ने कहा: प्रत्येक मनुष्य में अच्छाई और बुराई का संगम है। न कोई पूर्ण है। न कोई संपूर्ण से अच्छा। सवाल हमारे नजरिए का है हम उसमें क्या देखते हैं।
यह भी जानें

Prerak-kahani Dronacharya Prerak-kahaniDuryodhan Prerak-kahaniYudhishthar Prerak-kahaniGurukul Prerak-kahaniGuru Dakshina Prerak-kahaniMahabharat Prerak-kahaniGuru Purnima Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

दद्दा की डेढ़ टिकट - प्रेरक कहानी

एक देहाती बुजुर्ग ने चढ़ने के लिए हाथ बढ़ाया। एक ही हाथ से सहारा ले डगमगाते कदमों से वे बस में चढ़े, क्योंकि दूसरे हाथ में थी भगवान गणेश की एक अत्यंत मनोहर बालमूर्ति थी।

गणेश विनायक जी की कथा - प्रेरक कहानी

एक गाँव में माँ-बेटी रहती थीं। एक दिन वह अपनी माँ से कहने लगी कि गाँव के सब लोग गणेश मेला देखने जा रहे हैं..

तुलसीदास जी द्वारा श्री रामचरितमानस की रचना - सत्य कथा

दो वर्ष सात महीने छब्बीस दिन मे श्रीरामचरित मानस की रचना समाप्त हुई। संवत् १६३३ मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष में रामविवाह के दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।

राम से बड़ा राम का नाम क्यों - प्रेरक कहानी

श्री राम दरबार में हनुमानजी महाराज श्री रामजी की सेवा में इतने तन्मय हो गये कि गुरू वशिष्ठ के आने का उनको ध्यान ही नहीं रहा!...

गोस्वामी तुलसीदास की श्री हनुमान जी से भेंट - सत्य कथा

गोस्वामी तुलसीदास द्वारा श्री हनुमान जी के दर्शन: गोस्वामी जी काशी मे प्रह्लाद घाटपर प्रतिदिन वाल्मीकीय रामायण की कथा सुनने जाया करतेे थे।..

ग्राम देवता की सीख का फल - प्रेरक कहानी

उन्हीं के संस्कारों का परिणाम ये हुआ कि आज कई पीढ़ियों के बाद भी उनका परिवार धर्म की राह पर चलता हुआ फल-फूल रहा है।..

पांच मिनट का जीवन - प्रेरक कहानी

यमराज ने पीने के लिए व्यक्ति से पानी माँगा, बिना एक क्षण गंवाए उसने पानी पिला दिया। पानी पीने के बाद यमराज ने बताया कि वो उसके प्राण लेने आये हैं..

Hanuman Chalisa -
Ganesh Aarti Bhajan -
×
Bhakti Bharat APP