एक पुजारी और नाई दोनों मित्र थे। एक बार नाई पुजारी से कहता है -
ईश्वर ऐसा क्यों करता है? वैसा क्यों करता है? यहाँ बाढ़ आ गई, वहाँ सूखा हो गया, यहाँ दुर्घटना हुई, यहाँ भुखमरी चल रही है, नौकरी नहीं मिल रही। हमेशा ही लोगों को ऐसी बहुत सारी परेशानियां देता रहता है।
उस पुजारी ने उसे एक आदमी से मिलाया जो भिखारी था, बाल बहुत बड़े थे, दाढ़ी भी बहुत बड़ी थी।
उसने नाईं को कहा- देखो इस इंसान को, जिसके बाल बड़े-बड़े हैं, दाढ़ी भी बहुत बढ़ गयी है। तुम नाई हो, तुम्हारे होते हुए ऐसा क्यों है?
नाई बोला- अरे उसने मेरे से संपर्क ही नहीं किया।
पुजारी ने कहा- यही तो बात है जो लोग ईश्वर से संपर्क करते हैं, उनका दुःख हमेशा के लिए खत्म हो जाता है। और जो लोग संपर्क ही नहीं करते वे दुःखी रहते हैं, और कहते हैं कि हम दुःखी हैं। जो संपर्क करेगा, वही तो दुःख से मुक्ति पायेगा।
ईश्वर से सम्पर्क करने का नम्बर कुछ ऐसे है। प्रतिदिन इस नंबर को डायल करें
अहम् से शून्य होजाओ, शून्यता में चले जाओ, अपने-आप को भी शून्य में मिला दो।
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