Download Bhakti Bharat APP
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - Gajendra Moksham StotramDownload APP Now - Download APP NowHanuman Chalisa - Hanuman ChalisaFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

तुलसीदास जी द्वारा भगवान् श्रीराम, लक्ष्मण दर्शन - सत्य कथा (Goswami Tulsidas Dwara Shri Ram Lakshman Darshan)


Add To Favorites Change Font Size
चित्रकूट पहुँच कर तुलसीदास जी मन्दाकिनी नदी के तटपर रामघाट पर ठहर गये। तुलसीदास जी प्रतिदिन मन्दाकीनी में स्नान करते, मंदिर में भगवान के दर्शन करते, रामायण का पाठ करते और निरंतर भगवान् के नाम का जप करते।
एक दिन वे प्रदक्षिणा करने गये। मार्ग में उन्हें अनूरूप भूप-शिरोमणि भगवान राम के दर्शन हुए। उन्होंने देखा कि दो बडे ही सुंदर राजकुमार दो घोड़ों पर सवार होकर हाथ में धनुष-बाण लिये शिकार खेलने जा रहे हैं। उन्हें देखकर तुलसीदास जी मुग्ध हो गये। परंतु वह कौन हैं यह नहीं पहचान सके, उसके उपरांत श्रीहनुमान जी ने प्रकट होकर सारा भेद बताया।

तुलसीदास जी पश्चाताप करने लगे, उनका हृदय उत्सुकता से भर गया। तब श्रीहनुमान जी ने उन्हें धैर्य दिया कि प्रातःकाल फिर दर्शन होंगे। तब कहीं जाकर तुलसीदास जी को संतोष हुआ।

बुधवार संवत् १६०७ मौनी अमावास्या के दिन प्रात:काल गोस्वामी तुलसीदास जी पूजा के लिये चन्दन घिस रहे थे। तभी श्रीराम एवं श्रीलक्ष्मण ने आकर उनसे तिलक लगाने को कहा। श्रीहनुमान् जी ने सोचा कि शायद इस बार भी तुलसीदास न पहचानें, इसलिये उन्होने तोते का वेष धारण करके चेतावनी का दोहा पढा:

चित्रकूटके घाट पर, भइ संतन की भीर ।
तुलसिदास चंदन घिसें, तिलक देन रघुबीर ॥

इस दोहे को सुनकर तुलसीदास अतृप्त नेत्रो से आत्माराम की मनमोहिनी छबिसुधा का पान करने लगे। देह की सुध भूल गयी, आँखों से आंसूओ की धार बह चली। अब चन्दन कौन घिसे! भगवान् श्रीराम ने पुन: कहा कि बाबा! मुझे चन्दन दो! परंतु सुनता कौन? तुलसीदास जी बेसुध पड़े थे।

भगवान् ने अपने हाथ से चंदन लेकर अपने एवं तुलसीदास के ललाट में तिलक किया और अंतर्धान हो गये। तुलसीदास जी जल-विहीन मछली की भाँति विरह-वेदना में तड़पने लगे।

सारा दिन बीत गया, उन्हें पता नहीं चला। रात मे अस्कर श्रीहनुमान जी ने जगाया और उनकी दशा सुधार दी। उन दिनों तुलसीदास जी की बडी ख्याति हो गयी थी। उनके द्वारा कई चमत्कार की घटनाएँ भी घट गयीं, जिनसे उनकी प्रतिष्ठा बढ गयी और बहुत से लोग उनके दर्शन को आने लगे।
यह भी जानें

Prerak-kahani Tulsidas Prerak-kahaniShri Ram Prerak-kahaniShri Hanuman Prerak-kahaniLakshman Prerak-kahaniChitrakoot True Story Prerak-kahaniTrue Prerak-kahaniShri Ram Darshan Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि - प्रेरक कहानी

एक बार एक राजा की सभा में एक चंदन के बहुत बड़े व्यापारी ने प्रवेश किया. राजा की दृष्टि उस पर पड़ी तो उसे देखते ही अचानक उनके मन में विचार आया कि कुछ ऐसा किया जाए ताकि इस व्यापारी की सारी संपत्ति राजकोष में जमा कर दी जाए...

प्रार्थना के बाद भी भगवान नहीं सुन रहे? - प्रेरक कहानी

प्रार्थना छोड़ दोगे तो कहीं के नहीं रहोगे? प्रार्थना के बाद भी भगवान आपकी नहीं सुन रहे हैं? एक सेठ के घर के बाहर एक साधू महाराज खड़े होकर प्रार्थना कर रहे थे और बदले में खाने को रोटी मांग रहे थे।

भक्तमाल सुमेरु तुलसीदास जी - सत्य कथा

भक्तमाल सुमेरु श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज| वृंदावन में भंडारा | संत चरण रज ही नहीं अपितु पवित्र व्रजरज इस जूती पर लगी है | हां ! संत समाज में दास को इसी नाम से जाना जाता है..

तुलसीदास जी कुटिया पर श्री राम लक्षमण का पहरा - सत्य कथा

उन वीर पाहरेदारों की सावधानी देखकर चोर बडे प्रभावित हुए और उनके दर्शन से उनकी बुद्धि शुद्ध हो गयी।

दो अनमोल हीरे - प्रेरक कहानी

एक व्यापारी को बाज़ार में घूमते हुए एक बहुत अच्छी नस्ल का ऊँट दिखाई पड़ा। व्यापारी और ऊँट बेचने वाले के बीच काफी लंबी सौदेबाजी हुई और आखिर में व्यापारी ऊँट खरीद कर घर ले आया... | दुनियाँ के सबसे अमीर व्यक्ति के पास, दो अनमोल हीरे..

धैर्य से काम लेने मे ही समझदारी है - प्रेरक कहानी

बात उस समय की है जब महात्मा बुद्ध विश्व भर में भ्रमण करते हुए बौद्ध धर्म का प्रचार कर रहे थे और लोगों को ज्ञान दे रहे थे। समस्या और बुराई केवल कुछ समय के लिए..

कर्मो का उचित फल - प्रेरक कहानी

कुछ दिन पहले की बात है मैं अपने भाई के घर यानी अपने मायके गयी। वहां अपनी मम्मी और भाभी के साथ बैठ कर बातें कर रही थी।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
×
Bhakti Bharat APP