Shri Ram Bhajan
गूगल पर भक्ति भारत को अपना प्रीफ़र्ड सोर्स बनाएँ

तुलसीदास जी द्वारा कौशल्यानंदन भगवान् स्थापित - सत्य कथा (Goswami Tulsidas Dwara Kaushalya Nandan Ki Sthapana)


Add To Favorites Change Font Size
कौशल्यानंदन भगवान् श्री राम का विग्रह स्थापित:
कुछ लोग दक्षिण देश से भगवान् श्रीराम की मूर्ति लेकर स्थापना करने के लिये श्रीअवध जा रहे थे। यमुना-तट पर उन्होंने विश्राम किया।
उदय नामके ब्राह्मण वह मूर्ति देखकर मुग्ध हो गये। उन्होंने चाहा कि इस मूर्ति की स्थापना यहीं पर हो जाय। गोस्वामी जी से प्रार्थना की।

दूसरे दिन जब उन लोगों ने उस प्रतिमा को उठाकर ले जाना चाहा तब वह उठी ही नहीं। तब उसकी स्थापना वही कर दी। गोस्वामी जी ने उनका नाम कौसल्यानन्दन रख दिया।

श्रीगोस्वामी जी के विद्या पढ़ने के समय के गुरुभाई नंददासजी कनौजिया यहीं पर मिले। उनके साथ भगवान् का दर्शन एवं प्रसाद पाकर भक्तों को आनंदित कर गोस्वामी जी ने चित्रकूट की यात्रा की।
यह भी जानें

Prerak-kahani Shri Ram Prerak-kahaniShri Hanuman Prerak-kahaniTulsidas Prerak-kahaniTrue Story Prerak-kahaniTrue Prerak-kahaniKaushalya Nandan Prerak-kahaniMurti Prerak-kahaniVigrah Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

भक्ति का प्रथम मार्ग है, सरलता - प्रेरक कहानी

प्रभु बोले भक्त की इच्छा है पूरी तो करनी पड़ेगी। चलो लग जाओ काम से। लक्ष्मण जी ने लकड़ी उठाई, माता सीता आटा सानने लगीं। आज एकादशी है...

एक दिन का पुण्य ही क्यूँ? - प्रेरक कहानी

तुम्हारे बाप के नौकर बैठे हैं क्या हम यहां, पहले पैसे, अब पानी, थोड़ी देर में रोटी मांगेगा, चल भाग यहाँ से।

बुढ़िया माई को मुक्ति दी - तुलसी माता की कहानी

कार्तिक महीने में एक बुढ़िया माई तुलसीजी को सींचती और कहती कि: हे तुलसी माता! सत की दाता मैं तेरा बिडला सीचती हूँ..

स्वर्ग, नरक सब अपने हाथ में ही है - प्रेरक कहानी

एक बुजुर्ग महिला की मृत्यु हो गई, यमराज उसे लेने आये। महिला ने यमराज से पूछा: आप मुझे स्वर्ग ले जाएँगे या नरक।

रमणीय टटिया स्थान, वृंदावन - प्रेरक कहानी

स्थान: श्री रंग जी मंदिर के दाहिने हाथ यमुना जी के जाने वाली पक्की सड़क के आखिर में ही यह रमणीय टटिया स्थान है। विशाल भूखंड पर फैला हुआ है...

कर भला तो हो भला - प्रेरक कहानी

गुप्ता जी, पेशे से व्यापारी थे। कस्बे से दुकान की दूरी महज़ 9 किलोमीटर थी। एकदम वीराने में थी उनकी दुकान कस्बे से वहाँ तक पहुंचने का साधन यदा कदा ही मिलता था

बिना श्रद्धा और विश्वास के, गंगा स्नान - प्रेरक कहानी

इसी दृष्टांत के अनुसार जो लोग बिना श्रद्धा और विश्वास के केवल दंभ के लिए गंगा स्नान करते हैं उन्हें वास्तविक फल नहीं मिलता परंतु इसका यह मतलब नहीं कि गंगा स्नान व्यर्थ जाता है।

Shiv Chalisa - Shiv Chalisa
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP