Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - Gajendra Moksham StotramDownload APP Now - Download APP NowHanuman Chalisa - Hanuman ChalisaFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

तुलसीदास जी द्वारा ब्राह्मण को जीवन दान - सत्य कथा (Goswami Tulsidas Dwara Brahmin Ko Jeevan Dan)


Add To Favorites Change Font Size
एक मृत ब्राह्मण को जीवन प्रदान करना:
भक्तमाल में वर्णन है कि एक ब्राह्मण था, परंतु कुछ विद्वान बताते है कि वह ब्राह्मण नहीं, एक भुलई नाम का कलवार था जो भक्ति पथ और गोस्वामी जी की निन्दा किया करता था।
उसकी मृत्यु हो गयी, उसकी पत्नी उसके साथ सती होने के लिए जा रही थी। गोस्वामी श्री तुलसीदास जी अपनी कुटी के द्वार पर बैठे हुए भजन कर रहे थे। उस ब्राह्मण की स्त्री ने उन्हें दूर से ही देखा तो फिर श्री चरणों में आकर इन्हें प्रणाम किया।

श्री तुलसीदास जी ने उसे आशीर्वाद देते हुए कहा कि सौभाग्यवती होओ। उस स्त्री ने कहा कि मेरे पति का देहांत हो गया है और मैं सती होने के लिए श्मशान घाट पर जा रही हूँ। तब इस आशीर्वाद का क्या अर्थ होगा?

गोस्वामीजी ने कहा कि अब तो मेरे मुख से आशीर्वाद निकल चूका है, यदि तुम और तुम्हारे परिवार के लोग भगवान श्रीराम का भजन करें तो मै तुम्हारे मृत पति को जीवित कर दूँगा।

यदि काल सत्य है, तो मेरे प्रभु काल के भी काल है, यह बात भी तो सत्य है। उस स्त्री ने अपने सभी कुटुम्बियों को बुलाकर कहा कि यदि आप लोग सच्चे हृदय से श्रीराम भक्ति करने की दृढ़ प्रतिज्ञा करे तो मेरे यह मृत पति जीवित हो जायेंगे।

सभी ने गोस्वामीजी की बात को स्वीकार करते हुए श्रीराम नाम का संकीर्तन प्रारंभ किया। तब गोस्वामी जी ने उसे सुंदर भक्तिमय जीवन दान दिया। श्री राम की कृपा से उस ब्राह्मण को जीवन दान मिल गया और इससे प्रभावित होकर उसके परिवार के लोग भगवद्भक्त हो गए ।
यह भी जानें

Prerak-kahani Shri Ram Prerak-kahaniShri Hanuman Prerak-kahaniTulsidas Prerak-kahaniTrue Story Prerak-kahaniTrue Prerak-kahaniMahila Prerak-kahaniSati Prerak-kahaniMratyu Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

सभी के कर्म एक समान नहीं हैं - प्रेरक कहानी

समाज में कभी एकरूपता नहीं आ सकती, क्योंकि हमारे कर्म कभी भी एक समान नहीं हो सकते। और जिस दिन ऐसा हो गया उस दिन समाज-संसार की सारी विषमतायें समाप्त हो जायेंगी।...

राजा हैं, फिर भी घमंडी ना बनें - प्रेरक कहानी

साधु तेजी से राजमहल की ओर गए और बिना प्रहरियों से पूछे सीधे अंदर चले गए। राजा ने देखा तो वो गुस्से में भर गया। राजा बोला: ये क्या उदण्डता है महात्मा जी!...

गुरु का स्थान, श्रेष्ठ - प्रेरक कहानी

एक राजा को पढने लिखने का बहुत शौक था। एक बार उसने मंत्री-परिषद् के माध्यम से अपने लिए एक शिक्षक की व्यवस्था की। शिक्षक राजा को पढ़ाने के लिए आने लगा।..

गरीब विद्वान व राजा भोज, बने भाई-भाई - प्रेरक कहानी

राजन्, जब तक आपकी मौसी जीवित थीं, आपके दर्शन नहीं हुए थे। अब आपके दर्शन हुए तो आपकी मौसी स्वर्ग सिधार गईं। इस उत्तर से भोज को और भी प्रसन्नता हुई।

भक्त बडे विचित्र, उनके प्रभु उनसे भी विचित्र - सत्य कथा

एक भक्त थे कुम्भनदासजी जो गोवर्धन की तलहटी में रहते थे। एक बार की बात है कि भक्त कुम्भनदास जी भगवान श्रीनाथजी के पास गये और उन्हें जाकर देखा कि श्रीनाथजी अपना मुँह लटकाये बैठे हैं..

एक लकड़ी का कटोरा - प्रेरक कहानी

एक वृद्ध व्‍यक्ति अपने बहु-बेटे के यहाँ शहर रहने गया। उम्र के इस पड़ाव पर वह अत्‍यंत पड चुका था, उसके हाथ कांपते थे और दिखाई भी कम देता था।..

जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि - प्रेरक कहानी

एक बार एक राजा की सभा में एक चंदन के बहुत बड़े व्यापारी ने प्रवेश किया. राजा की दृष्टि उस पर पड़ी तो उसे देखते ही अचानक उनके मन में विचार आया कि कुछ ऐसा किया जाए ताकि इस व्यापारी की सारी संपत्ति राजकोष में जमा कर दी जाए...

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Achyutam Keshavam - Achyutam Keshavam
×
Bhakti Bharat APP