मुझे वो दो जो तेरा है - प्रेरक कहानी
एक बार गुरु नानक देव जी अपने शिष्यों के साथ एक ऐसे गांव में पहुंचे जहां के लोग साधु-संन्यासी लोगों को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे...
Prerak Kahani
गुरु नानक जी के आशीर्वाद का रहस्य - प्रेरक कहानी
एक बार गुरु नानक देव जी अपने शिष्यों के साथ एक ऐसे गांव में पहुंचे जहां के लोग साधु-संन्यासी लोगों को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे...
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प्रत्येक मनुष्य में अच्छाई और बुराई है - प्रेरक कहानी
गुरु द्रोणाचार्य ने शिक्षा पूरी होने पर कौरव और पांडव के राजकुमारों दुर्योधन और युधिष्ठिर को परीक्षा के लिए बुलाया...
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सुलझन के लिये सद्गुरु की बुद्धि से चलो - प्रेरक कहानी
राजा ने सोचा मेरे लिये सबसे अहम तो मैं ही हूँ, और विजयप्रताप स्वयं भेश बदलकर गये। राजा धर्मराज और राजा विजयप्रताप एक ऊँची पहाडी पर माँ काली के मन्दिर मे मिले...
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जब भगवन ने मुझे गोदी उठाया - प्रेरक कहानी
जन्म से ठीक पहले एक बालक भगवान से कहता है- प्रभु आप मुझे नया जन्म मत दीजिये, मुझे पता है पृथ्वी पर बहुत बुरे लोग रहते है
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कर्म फल भोगते हुए भी दुःखी नहीं हों - प्रेरक कहानी
कर्मफल का भोग टलता नहीं: राजकुमार का सिर कट गया और वह मर गया। राजकन्या पति के मरने का बहुत शोक करने लगी...
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देवशिशु ने जगायी सदबुद्धि - प्रेरक कहानी
यह घटना १९९० की है, जब मैं परम वन्दनीया माताजी से दीक्षा लेकर पहली बार नवरात्रि अनुष्ठान में था। इससे पहले कि मैं घटना का जिक्र करूँ...
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तुम्हारे विचार ही तुम्हारे कर्म हैं!
एक राजा हाथी पर बैठकर अपने राज्य का भ्रमण कर रहा था। अचानक वह एक दुकान के सामने रुका और अपने मंत्री से कहा: मुझे नहीं पता क्यों, पर मैं इस दुकान के स्वामी को फाँसी देना चाहता हूँ।
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जगन्नाथ जी का खिचड़ी भोग - सत्य कथा
कर्मा बाई जी, जगन्नाथ पुरी में रहती थी और भगवान को बचपन से ही पुत्र रूप में भजती थीं।
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जगन्नाथ मंदिर में प्रेम के पद - सत्य कथा
जगन्नाथ जी की सत्य कथा : उड़ीसा में बैंगन बेचनेवाले की एक बालिका थी। दुनिया की दृष्टि से उसमें कोई अच्छाई नहीं थी।
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इन सब के लिए भगवान तेरा धन्यवाद
एक पक्षी था जो रेगिस्तान में रहता था, बहुत बीमार, कोई पंख नहीं, खाने-पीने के लिए कुछ नहीं, रहने के लिए कोई आश्रय नहीं था।
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अनजाने कर्म का फल - प्रेरक कहानी
एक राजा ब्राह्मणों को भोज में महल के आँगन में भोजन करा रहा था। उसी समय एक चील अपने पंजे में एक जिंदा साँप को लेकर राजा के महल के उपर से गुजरी।...
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भगवन नाम का प्रताप - प्रेरक कहानी
एक व्यक्ति गाड़ी से उतरा। और बड़ी तेज़ी से एयरपोर्ट में घुसा, जहाज़ उड़ने के लिए तैयार था, उसे किसी कार्यक्रम मे पहुंचना था जो खास उसी के लिए आयोजित किया जा रहा था। वह अपनी सीट पर बैठा और हवाई जहाज उड़ गया।
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अर्जुन व कर्ण पर विचारों का सम्मोहन - प्रेरक कहानी
इसकी विपरीत कारण अर्जुन से कहीं अधिक वीर और साहसी होने पर भी दुविधा में पड़ा रहा। उसकी मान कुंती ने युद्ध से पूर्व यह वचन ले लिया की वह युद्धभूमि में अर्जुन के सिवाय और किसी भाई को नहीं मारेगा।...
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जो मुझ से प्रेम रखता है, जो सर्व-शक्तिशाली है - प्रेरक कहानी
मैंने श्राप कभी नहीं दीया, लेकिन कोई है जो मुझ से प्रेम रखता है! और वह इतना शक्तिशाली है कि दुनिया का बड़े से बड़ा राजा भी उसकी लाठी से डरता है...
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