धन का सम्मान या दान का सम्मान - प्रेरक कहानी
एक समय की बात है। एक नगर में एक कंजूस राजेश नामक व्यक्ति रहता था। उसकी कंजूसी सर्वप्रसिद्ध थी। वह खाने, पहनने तक में भी कंजूस था..
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वृंदावन के वृक्ष को मर्म न जाने कोय - प्रेरक कहानी
क्येांकि संत को वो वृदांवन दिखता है जो साक्षात गौलोंक धाम का खंड है। हमें साधारण वृदांवन दिखता है।...
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कर्म कैसे फल देता है? - प्रेरक कहानी
ज्योतिष कहता है कि मनुष्य अपने ही कर्मो का फल पाता है। कर्म कैसे फल देता है? यह इस प्रसंग से समझे..
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माइक आगे होता है, और मुख पीछे - प्रेरक कहानी
गुरु शिष्यों में युगों युगों से यही रहस्यमयी लीला होती आ रही है। अपने गुरु पर पूर्ण विश्वास रखे वे सदैव हमारे साथ है।..
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आत्मारामी ब्रह्मवेत्ता महापुरुष जगत को तीर्थरूप बना देते हैं - प्रेरक कहानी
आत्मारामी ब्रह्मवेत्ता महापुरुष जगत को तीर्थरूप बना देते हैं। अपनी दृष्टि से, संकल्प से, संग से जन-साधारण को उन्नत कर देते हैं। ऐसे पुरुष जहाँ ठहरते हैं...
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संगत ही गुण होत है, संगत ही गुण जाय: प्रेरक कहानी
संगत का प्रभाव: एक राजा का तोता मर गया। उन्होंने कहा: मंत्रीप्रवर! हमारा पिंजरा सूना हो गया। इसमें पालने के लिए एक तोता लाओ।
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जब चंदन का बाग बना कोयला? - प्रेरक कहानी
एक राजा जो बहुत परोपकारी थे, उनके पास बहुत ही सुन्दर और विशाल चन्दन का बाग था जिससे हर वर्ष उनको सहस्त्रों रूपये का चन्दन अन्य देशावरों को जाता जिससे तेल और इत्र तैयार किये जाते थे..
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बल प्रयोग अंतिम विकल्प - प्रेरक कहानी
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पाप का गुरु कौन? - प्रेरक कहानी
पंडित जी कई वर्षों तक काशी में शास्त्रों का अध्ययन करने के बाद अपने गांव लौटे। गांव के एक किसान ने उनसे पूछा, आप हमें यह बताइए कि पाप का गुरु कौन है?...
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हमारी लालसाएँ और वृत्तियाँ नहीं बदलती - प्रेरक कहानी
एक पेड़ पर दो बाज रहते थे। दोनों अक्सर एक साथ शिकार की तलाश में निकलते और जो भी पाते, उसे शाम को मिल-बांट कर खाते..
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जिसका मन मस्त, उसके पास समस्त - प्रेरक कहानी
एक राजा बहुत दिनों बाद अपने बगीचे में सैर करने गया, पर वहां पहुँच उसने देखा कि सारे पेड़-पौधे मुरझाए हुए हैं।
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सभी के कर्म एक समान नहीं हैं - प्रेरक कहानी
समाज में कभी एकरूपता नहीं आ सकती, क्योंकि हमारे कर्म कभी भी एक समान नहीं हो सकते। और जिस दिन ऐसा हो गया उस दिन समाज-संसार की सारी विषमतायें समाप्त हो जायेंगी।...
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राजा हैं, फिर भी घमंडी ना बनें - प्रेरक कहानी
साधु तेजी से राजमहल की ओर गए और बिना प्रहरियों से पूछे सीधे अंदर चले गए। राजा ने देखा तो वो गुस्से में भर गया। राजा बोला: ये क्या उदण्डता है महात्मा जी!...
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गुरु का स्थान, श्रेष्ठ - प्रेरक कहानी
एक राजा को पढने लिखने का बहुत शौक था। एक बार उसने मंत्री-परिषद् के माध्यम से अपने लिए एक शिक्षक की व्यवस्था की। शिक्षक राजा को पढ़ाने के लिए आने लगा।..
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गरीब विद्वान व राजा भोज, बने भाई-भाई - प्रेरक कहानी
राजन्, जब तक आपकी मौसी जीवित थीं, आपके दर्शन नहीं हुए थे। अब आपके दर्शन हुए तो आपकी मौसी स्वर्ग सिधार गईं। इस उत्तर से भोज को और भी प्रसन्नता हुई।
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