रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12.30 बजे है। 5 अगस्त 2020 को जब राम मंदिर का शिलान्यास हुआ तो काफी विवाद हुआ था। वाराणसी के संतों और ज्योतिषियों ने शिलान्यास के समय को अशुभ बताते हुए सवाल उठाए थे। इसे ध्यान में रखते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्रतिष्ठा समारोह को लेकर विशेष सावधानी बरती है।
22 जनवरी की तारीख क्यों चुनी गई?
मकर संक्रांति के दौरान 16 जनवरी से 24 जनवरी 2024 तक की तारीखें शुभ मानी जाती हैं।
मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल के मुताबिक, अभिषेक के लिए शुरुआत में 24 जनवरी की तारीख चुनी गई थी। इस बीच, मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि ने सबसे शुभ समय की जानकारी लेने के लिए काशी और अन्य मठों और मंदिरों के विद्वानों और आचार्यों से संपर्क किया। कहा कि भगवान श्रीराम का जन्म अभिजीत योग में हुआ था। अन्य तिथियों पर यह योग अल्प अवधि के लिए बन रहा था जबकि 22 जनवरी को यह अभिजीत योग लंबी अवधि का है। ऐसे में तय हुआ कि यही तारीख सबसे उपयुक्त होगी। कामेश्वर चौपाल ने बताया कि स्वामी गोविंद देव गिरि के निर्देशन में 22 जनवरी को विद्वान आचार्य द्वारा भगवान रामलला के अभिषेक के सभी अनुष्ठान संपन्न कराए जाएंगे। इसके मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। स्वामी गोविंद देव गिरि धार्मिक अनुष्ठान आदि के आयोजन के लिए बनी हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष भी हैं।
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