नए मंदिर में विराजमान रामलला की पूजा और सेवा की विधि क्या होगी, इसे लेकर
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भी मंथन में जुटा हुआ है। इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि अयोध्या में जन्म लेने वाला ही रामलला का पुजारी बने। इतना ही नहीं पुजारियों के लिए विशेष ड्रेस कोड भी लागू किया जाएगा।
अब तक रामलला की पूजा पहले से चली आ रही परंपरा के मुताबिक ही होती थी। अब भव्य राम मंदिर के निर्माण और राम मंदिर ट्रस्ट के गठन के बाद यह सब नए सिरे से तय किया जा रहा है। पूजन विधि और रामलला की सेवा को लेकर काशी के वैदिक आचार्यों के साथ ही रामनगरी के संतों-धर्माचार्यों से भी राय ली जा रही है।
जनवरी 2024 में रामलला नए मंदिर में विराजमान होंगे। इसके लिए प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
रामलला की सेवा में चार पुजारी तैनात हैं
फिलहाल रामलला की सेवा में चार पुजारी तैनात हैं। जबकि इतनी ही संख्या में सेवकों की भी नियुक्ति की गयी है। रामलला की पूजा में कुल आठ लोग लगे हुए हैं। मुख्य अर्चक आचार्य सत्येन्द्र दास 1992 से रामलला की पूजा कर रहे हैं। इनके अलावा तीन सहायक पुजारी भी नियुक्त किये गये हैं। नए मंदिर में रामलला की स्थापना के बाद इनकी संख्या बढ़ने की संभावना है।
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