देशभर में 9 अप्रैल को सनातन नूतन वर्ष मनाया जाएगा। इस दिन हिंदू नववर्ष की शुरुआत होगी और पूरे वर्ष की गणना और त्योहारों का कैलेंडर शुरू होगा। बांकेबिहारी के पुजारी ठाकुरजी को संवत्सर सुनाएंगे, जबकि मंदिर के अधिकारी इस दिन ठाकुरजी को मखाने-मिश्री और नीम के पत्तों का मिश्रण अर्पित करेंगे।
संवत्सर का पारायण 9 अप्रैल को होगा
मंदिर ट्रस्ट को सूचित कर दिया गया है कि ठाकुरजी के पट कब खुलेंगे और श्रृंगार आरती के बाद मंदिर के पुजारी छैलबिहारी मिश्र ठाकुरजी को संवत्सर सुनाएंगे। इस संवत्सर में हिंदू नववर्ष के दौरान पुरोहित ठाकुरजी के सामने साल भर की वर्षा ऋतु की स्थिति से लेकर देश, काल और परिस्थितियों का आकलन, ज्योतिषीय गणना और राजा कौन होगा, सब कुछ ठाकुरजी को सुनाया जाएगा। वर्ष, जिसके भाग्य के आधार पर पूरे वर्ष देश-काल की परिस्थितियाँ रहेंगी।
भोग में नीम की पत्तियां परोसने के संबंध में मान्यता है कि वसंत ऋतु के बाद जब पेड़ों पर नए पत्ते निकलते हैं और ऋतु परिवर्तन के दौरान शरीर में जो भी संक्रमण होता है, नीम की पत्तियों का सेवन करने से शारीरिक संक्रमण दूर हो जाता है और रक्त भी शुद्ध हो जाता है।अगर आपको यह हिंदी न्यूज़ पसंद है, तो कृपया
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