लेटे हनुमान मंदिर, संगम नगरी में इन्हें बड़े हनुमान जी किले वाले और बांध वाले हनुमान जी के नाम से भी जाना जाता है।
माना जाता है हनुमान जी की यह प्रतिमा दक्षिणाभिमुखी और 20 फीट लंबी है। अब इस मंदिर का सुंदरीकरण किया जाएगा।देश के पांच प्रमुख हनुमान मंदिरों में से एक है संगम किनारे बड़े हनुमान का मंदिर।
इस अनोखे मंदिर में प्रतिमा खड़ी नहीं बल्कि लेटी अवस्था में विराजमान है। यहां दर्शन किए बिना संगम स्नान अधूरा माना जाता है। इसलिए यहां अपार भीड़ जुटती है, लंबी कतार लगती है।
श्रद्धालुओं को कतार में ज्यादा समय तक खड़ा न रहना पड़े, इसके लिए बड़ा प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने इस ओर कदम आगे बढ़ाया है। इसमें जिला प्रशासन, पीडीए, सेना, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, लोक निर्माण विभाग और स्मार्ट सिटी लिमिटेड का भी सहयोग रहेगा।
महाकुंभ-2025 के बजट से मंदिर का विस्तार होगा। अधिक भीड़ होने पर भी श्रद्धालु पांच से सात मिनट में दर्शन कर सकेंगे। बालाजी मंदिर मेहंदीपुर (राजस्थान), हनुमान धारा मंदिर (चित्रकूट), हनुमानगढ़ी (अयोध्या), संकट मोचन हनुमान मंदिर (काशी) और प्रयागराज में पवित्र त्रिवेणी तट पर स्थित लेटे हनुमान जी के मंदिर में सबसे ज्यादा श्रद्धालु आते हैं।
यहां मंगलवार, शनिवार को लाखों की भीड़ जुटती है। भक्त मनोकामना करते हैं और निशान चढ़ाते हैं। माघ मेला, कुंभ में भीड़ कई गुना बढ़ जाती है। जिला प्रशासन, प्रयागराज मेला प्राधिकरण की कोशिश है कि जल्द ही इस प्रोजेक्ट का कार्य शुरू हो जाए। महाकुंभ से पहले होगा मंदिर का सुंदरीकरण। माना जाता है मंदिर 700 वर्ष पुराना है।
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