ज्ञानवापी मामले में कोर्ट द्वारा हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार दिए जाने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी ने खुशी जताई है और इसे सत्य की जीत बताया है। बुधवार को मीडिया को जारी बयान में श्री महंत रवींद्र पुरी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।
श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि कोर्ट का फैसला हिंदुओं के पक्ष में आने पर वह जिला न्यायालय को धन्यवाद देना चाहते हैं. श्री महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि तहखाने में हिंदू धर्म की पूजा सामग्री और कई प्राचीन मूर्तियां मौजूद हैं और वर्ष 1993 में तहखाने में मूर्ति पूजा की गई थी। इसके बाद पुजारियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। पूजा-अर्चना का अनुष्ठान भी बंद हो गया। तहखाने में पूजा की इजाजत देने के कोर्ट के फैसले से पूरे देश में खुशी का माहौल है।
ज्ञानवापी प्राचीन काल से ही एक मंदिर रहा है
ज्ञानवापी परिसर के अंदर और बाहर देवी-देवताओं की मूर्तियां, हिंदू शिलालेख, दीवारों पर त्रिशूल के निशान और संस्कृत भाषा के लेखों से पता चलता है कि प्राचीन काल से ज्ञानवापी स्थल पर एक मंदिर रहा है। कोर्ट के फैसले पर कई संतों ने खुशी जताई है और इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है।
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