मकर संक्रांति के दूसरे मंगलवार बुढ़वा मंगल पर गोरखनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने गुरु गोरक्षनाथ का दर्शन-पूजन किया और आस्था का कलश चढ़ाया। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, भक्तों की भीड़ भी बढ़ती गयी। देर शाम तक बाबा को खिचड़ी चढ़ाने का सिलसिला जारी रहा। बुढ़वा मंगल पर खिचड़ी चलाने का महत्व मकर संक्रांति के समान ही है।
ऐसे में जो भक्त
मकर संक्रांति पर खिचड़ी चढ़ाने में सक्षम नहीं होते हैं, वे बुढ़वा मंगल के दिन यह अनुष्ठान करते हैं। इस मौके पर भीड़ को नियंत्रित करने और उनकी सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किये थे। मंदिर के स्वयंसेवक श्रद्धालुओं की मदद कर रहे थे।
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