सुबह से ही शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने लगी। बेलपत्र, धतूर, दूध, गंगाजल, नैवेद्य, फल और सुगंधित फूल चढ़ाकर देवाधिदेव महादेव की पूजा की गई। बड़ी संख्या में कावड़ियों ने महादेव मंदिर में जलाभिषेक किया। सभी प्रमुख शिवालयों में भोले के भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।
यमुना किनारे मनकामेश्वर महादेव मंदिर और सिविल लाइंस स्थित हनुमत निकेतन शिव मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं। मंदिरों में महिला-पुरुष श्रद्धालुओं की कतारें देखी गईं। शिव तांडव और ओम नम: शिवाय के साथ हर-हर महादेव और बोल बम के जयकारे गूंजते रहे। शहर व गांव के सभी छोटे-बड़े शिव मंदिरों में सुबह से ही पूजा-अर्चना व जलाभिषेक शुरू हो गया। दशाश्वमेध घाट से जल भरकर कांवरिये
काशी विश्वनाथ के लिए रवाना हुए।
मंदिरों के आसपास पुलिस की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे। संगम तट पर स्थित
बड़े हनुमान मंदिर पर सुबह से ही भक्तों की कतार लगी रही। हनुमान चालीसा व सुंदरकांड के पाठ से माहौल भक्तिमय रहा।
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