Download Bhakti Bharat APP
Hanuman Chalisa - Hanuman ChalisaRam Bhajan - Ram BhajanOm Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare AartiAchyutam Keshavam - Achyutam Keshavam

श्री विष्णु स्तुति - शान्ताकारं भुजंगशयनं (Shri Vishnu Stuti - Shantakaram Bhujagashayanam)


श्री विष्णु स्तुति - शान्ताकारं भुजंगशयनं
विष्णु शान्ताकारं मंत्र
शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम् ॥
यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे: ।
सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा: ।
ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो
यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम: ॥

मङ्गलम् भगवान विष्णुः | श्री विष्णुसहस्रनाम पाठ मंत्र
Achyutam Keshavam - Achyutam Keshavam

Shri Vishnu Stuti - Shantakaram Bhujagashayanam in English

Shantakaram Bhujagashayanam Padmanabham Suresham Vishvadharam Gaganasadrisham Meghavarnam Shubhangam ।
यह भी जानें
भावार्थ:

श्री विष्णु स्तुति काव्यार्थ:
जिनु आकृति अति शांतिस्वरूपा, जगत आधारहि देवहि भूपा ।
शयन शेष करतु विश्रामा, पंकज नाभिन वर्णई श्यामा ॥
सुन्दर रूप योगीजन ध्यावत, गगन समान सर्वत्रही छावत ।
जन्ममृत्यु जय भय नाशक, सकल लोकनाथ बन्दउ दासक ॥
लक्ष्मीपति कमलनैन भगवाना, विष्णुअई प्रणाम विनय कइ नाना ।
ब्रह्मा शिव वायु इन्द्र मरुद्गण स्तुति गावत, दिव्यई स्तोत्र करहि रिझावत ॥
सामवेद गावतु जिन अंगा, पद क्रम गाइ उपनिषद वेदहि संगा ।
प्रसन्न चित दरशतु योगीजन ध्याय, सौरभ नमामि नारायण देव असुर अंत न पाय ॥
कवि: सौरभ मिश्रा हिन्द

हिन्दी भावार्थ:
जिनकी आकृति स्वरूप अतिशय शांत है,जो ‍जगत के आधार व देवताओं के भी ईश्वर (राजा) है, जो शेषनाग की शैया पर विश्राम किए हुए हैं, जिनकी नाभि में कमल है और जिनका वर्ण श्याम रंग का है, जिनके अतिशय सुंदर रूप का योगीजन ध्यान करते हैं, जो गगन के समान सभी जगहों पर छाए हुए हैं, जो जन्म-मरण के भय का नाश करने वाले हैं, जो सम्पूर्ण लोकों के स्वामी हैं, जिनकी भक्तजन बन्दना करते हैं, ऐसे लक्ष्मीपति कमलनेत्र भगवान श्रीविष्णु को अनेक प्रकार से विनती कर प्रणाम करता हूँ ।
ब्रह्मा, शिव, वरुण, इन्द्र, मरुद्गण जिनकी दिव्य स्तोत्रों से स्तुति गाकर रिझाते है, सामवेद के गाने वाले अंग, पद, क्रम और उपनिषदों के सहित वेदों द्वारा जिनका गान करते हैं, योगीजन ध्यान में स्थित प्रसन्न हुए मन से जिनका दर्शन करते हैं, देवता और असुर जिनके अंत को नही पाते, उन नारायण को सौरभ नमस्कार करता हैं ॥

Mantra Shri Vishnu MantraNarayan MantraMangalam MantraShri Hari MantraShri Ram MantraShri Krishna Mantra

इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

श्री विष्णु स्तुति - शान्ताकारं भुजंगशयनं

शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।

अच्युतस्याष्टकम् - अच्युतं केशवं रामनारायणं

अच्युतं केशवं रामनारायण कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम् । श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकीनायकं रामचंद्रं भजे ॥..

विष्णु सहस्रनाम

भगवान श्री विष्णु के 1000 नाम! विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने वाले व्यक्ति को यश, सुख, ऐश्वर्य, संपन्नता...

ॐ श्री विष्णु मंत्र: मङ्गलम् भगवान विष्णुः

ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥ शान्ताकारम् भुजगशयनम्... मङ्गलम् भगवान विष्णुः...

श्रीरामाष्टकम्

कृतार्तदेववन्दनंदिनेशवंशनन्दनम्।, सुशोभिभालचन्दनंनमामि राममीश्वरम्॥1॥

वक्रतुण्ड महाकाय - गणेश मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

श्री गणेशपञ्चरत्नम् - मुदाकरात्तमोदकं

मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं, कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम् । अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं...

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
Durga Chalisa - Durga Chalisa
Ram Bhajan - Ram Bhajan
×
Search