Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel
Hanuman Chalisa - Download APP Now - Om Jai Jagdish Hare Aarti - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel -

श्रीरामचन्द्राष्टकम् (Shri Ramachandra Ashtakam)


श्रीरामचन्द्राष्टकम्
॥ श्रीरामचन्द्राष्टकम् ॥
चिदाकारो धातापरमसुखदः पावन-
तनुर्मुनीन्द्रैर्यो-गीन्द्रैर्यतिपतिसुरेन्द्रैर्हनुमता।
सदा सेव्यः पूर्णोजनकतनयाङ्गः सुरगुरू
रमानाथो रामो रमतुमम चित्ते तु सततम्॥1॥

मुकुन्दो गोविन्दोजनकतनयालालितपदः
पदं प्राप्तायस्याधमकुलभवा चापि शबरी।
गिरातीतोऽगम्योविमलधिषणैर्वेदवचसा
रमानाथो रामो रमतुमम चित्ते तु सततम्॥2॥

धराधीशोऽधीशःसुरनरवराणां रघुपतिः
किरीटी केयूरीकनककपिशः शोभितवपुः।
समासीनः पीठेरविशतनिभे शान्तमनसो
रमानाथो रामो रमतुमम चित्ते तु सततम्॥3॥

वरेण्यः शारण्यःकपिपतिसखश्चान्तविधुरो
ललाटे काश्मीरोरुचिरगतिभङ्गः शशिमुखः।
नराकारो रामोयतिपतिनुतः संसृतिहरो
रमानाथो रामो रमतुमम चित्ते तु सततम्।॥4॥

विरूपाक्षः कश्यामुपदिशियन्नाम शिवदं
सहस्रं यन्नाम्नां पठतिगिरिजा प्रत्युषसि वै।
स्वलोके गायन्तीश्वरविधिमुखायस्य चरितं
रमानाथो रामो रमतुमम चित्ते तु सततम्॥5॥

परो धीरोऽधीरोऽसुरकुल-भवश्चासुरहरः
परात्मा सर्वज्ञोनरसुरगणैर्गीतसुयशाः।
अहल्याशापघ्नःशरकरऋजुः कौशिकसखो
रमानाथो रामो रमतुमम चित्ते तु सततम्॥6॥

हृषीकेशः शौरिर्धरणि-धरशायी मधुरिपु-
रुपेन्द्रोवैकुण्ठोगजरिपुहरस्तुष्टमनसा।
बलिध्वंसी वीरोदशरथसुतो नीतिनिपुणो
रमानाथो रामो रमतुमम चित्ते तु सततम्॥7॥

कविः सौमित्रीड्यःकपटमृगघाती वनचरो
रणश्लाघी दान्तोधरणिभरहर्ता सुरनुतः।
अमानी मानज्ञोनिखिलजनपूज्यो हृदिशयो
रमानाथो रामो रमतुमम चित्ते तु सततम्॥8॥

इदं रामस्तोत्रंवरममरदासेन रचितमुषः
काले भक्त्या यदिपठति यो भावसहितम्।
मनुष्यः स क्षिप्रंजनिमृतिभयं तापजनकं
परित्यज्य श्रेष्ठंरघुपतिपदं याति शिवदम्॥9॥

॥ इति श्रीमद्रामदासपूज्यपादशिष्य
श्रीमद्धंसदासशिष्येणामरदासाख्यकविना
विरचितं श्रीरामचन्द्राष्टकं समाप्तम् ॥

Shri Ramachandra Ashtakam in English

Sada Sevyah PurnoJanakatanayangah Suraguru, Ramanatho Ramo RamatuMama Chitte Tu Satatam॥1॥
यह भी जानें

Mantra Bhagwan Shri Ram MantraShri Ram MantraShri Ramachandra Ashtakam MantraShri Vishnu MantraHanuman Ji MantraMata Sita Mantra

अन्य प्रसिद्ध श्रीरामचन्द्राष्टकम् वीडियो

Sooryagayathri

Sai Madhukar

Amruta Fadnavis

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

श्री विष्णु स्तुति - शान्ताकारं भुजंगशयनं

शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।

देवी अथर्वशीर्षम्

ॐ सर्वे वै देवा देवीमुपतस्थुः कासि त्वं महादेवीति॥1॥ साब्रवीत् - अहं ब्रह्मस्वरूपिणी। मत्तः प्रकृतिपुरुषात्मकं जगत्। शून्यं चाशून्यं च॥2॥

दुर्गा पूजा पुष्पांजली

प्रथम पुष्पांजली मंत्र ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी।

ॐ श्री विष्णु मंत्र: मङ्गलम् भगवान विष्णुः

ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥ शान्ताकारम् भुजगशयनम्... मङ्गलम् भगवान विष्णुः...

श्रीरामचन्द्राष्टकम्

सदा सेव्यः पूर्णोजनकतनयाङ्गः सुरगुरू, रमानाथो रामो रमतुमम चित्ते तु सततम्॥1॥

श्री गोविन्द दामोदर स्तोत्रम्

अग्रे कुरूणामथ पाण्डवानांदुःशासनेनाहृतवस्त्रकेशा। कृष्णा तदाक्रोशदनन्यनाथागोविन्द दामोदर माधवेति

भगवान सूर्य की अष्टोत्तर शतनामावली

1. अरुणा ॐ अरुणाय नमः। - ॐ अरुणाय नमः। 2. शरण्य ॐ शरण्यै नमः। - ॐ शरण्याय नमः।

Hanuman Chalisa -
Om Jai Jagdish Hare Aarti -
×
Bhakti Bharat APP