Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel
Subscribe BhaktiBharat YouTube Channel - Subscribe BhaktiBharat YouTube ChannelHoli Specials - Holi SpecialsDownload APP Now - Download APP NowFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

श्री दीनबंधु अष्टकम (Shri Dinabandhu Ashtakam)


श्री दीनबंधु अष्टकम
श्री दीनबंधु अष्टकम भगवान विष्णु के प्रसिद्ध अष्टकमों में से एक है।
॥ श्री दीनबन्ध्वष्टकम् ॥
यस्मादिदं जगदुदेति चतुर्मुखाद्यंयस्मिन्नवस्थितमशेषमशेषमूले।
यत्रोपयाति विलयं च समस्तमन्तेदृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स दीनबन्धुः॥1॥

चक्रं सहस्रकरचारु करारविन्देगुर्वी गदा दरवरश्च विभाति यस्य।
पक्षीन्द्रपृष्ठपरिरोपितपादपद्मो।दृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स दीनबन्धुः॥2॥

येनोद्धृता वसुमती सलिले निमग्ना नग्नाच पाण्डववधूः स्थगिता दुकूलैः।
संमोचितो जलचरस्य मुखाद्गजेन्द्रो।दृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स दीनबन्धुः॥3॥

यस्यार्द्रदृष्टिवशतस्तु सुराः समृद्धिंकोपेक्षणेन दनुजा विलयं व्रजन्ति।
भीताश्चरन्ति च यतोऽर्कयमानिलाद्या।दृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स दीनबन्धुः॥4॥

गायन्ति सामकुशला यमजं मखेषुध्यायन्ति धीरमतयो यतयो विविक्ते।
पश्यन्ति योगिपुरुषाः पुरुषं शरीरे।दृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स दीनबन्धुः॥5॥

आकाररूपगुणयोगविवर्जितोऽपि मददभक्तानुकम्पननिमित्तगृहीतमूर्तिः।
यः सर्वगोऽपि कृतशेषशरीरशय्यो।दृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स दीनबन्धुः॥6॥

यस्याङ्घ्रिपङ्कजमनिद्रमुनीन्द्रवृन्दैराराध्यते भवदवानलदाहशान्त्यै।
सर्वापराधमविचिन्त्य ममाखिलात्मा।दृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स दीनबन्धुः॥7॥

यन्नामकीर्तनपरः श्वपचोऽपि नूनंहित्वाखिलं कलिमलं भुवनं पुनाति।
दग्ध्वा ममाघमखिलं करुणेक्षणेन।दृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स दीनबन्धुः॥8॥

दीनबन्ध्वष्टकं पुण्यंब्रह्मानन्देन भाषितम्।
यः पठेत् प्रयतो नित्यंतस्य विष्णुः प्रसीदति॥9॥

॥ इति श्रीमत्परमहंसस्वामिब्रह्मानन्दविरचितं श्रीदीनबन्ध्वष्टकं सम्पूर्णम् ॥

Shri Dinabandhu Ashtakam in English

Shri Dinabandhu Ashtakam is one of the famous Ashtakam of Bhagwan Vishnu.
यह भी जानें

Mantra Dinabandhu Ashtakam MantraShri Vishnu MantraNarayan MantraVishnu Sahasranam MantraEkadashi MantraThursday MantraGuruwar MantraBrihaspatiwar MantraShri Hari Mantra

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

श्री गणेशपञ्चरत्नम् - मुदाकरात्तमोदकं

मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं, कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम् । अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं...

वक्रतुण्ड महाकाय - गणेश मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्रम्

ॐ अस्य श्रीऋणविमोचनमहागणपति-स्तोत्रमन्त्रस्य, शुक्राचार्य ऋषिः ऋणविमोचनमहागणपतिर्देवता

संकट मोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब।.. लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।...

शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र

॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥ नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

लिङ्गाष्टकम्

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम्।

महामृत्युंजय मंत्र

मंत्र के 33 अक्षर हैं जो महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 कोटि(प्रकार)देवताओं के द्योतक हैं।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
×
Bhakti Bharat APP