Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - Gajendra Moksham StotramDownload APP Now - Download APP NowHanuman Chalisa - Hanuman ChalisaFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

अयमात्मा ब्रह्म महावाक्य (Ayamatma Brahma)


अयमात्मा ब्रह्म भारत के पुरातन हिंदू शास्त्रों व उपनिषदों में वर्णित महावाक्य है, जिसका शाब्दिक अर्थ है यह आत्मा ब्रह्म है
उस स्वप्रकाशित प्रत्यक्ष शरीर से परे तत्त्व को 'अयं' पद के द्वारा प्रतिपादित किया गया है। शरीर तत्व को जीवित रखने वाली अप्रत्यक्ष शक्ति ही 'आत्मा' है। वह आत्मा ही परब्रह्म के रूप में समस्त प्राणियों में विद्यमान है। सम्पूर्ण चर-अचर जगत में तत्त्व-रूप में वह संव्याप्त है। वही ब्रह्म है, वही आत्मतत्त्व के रूप में स्वयं प्रकाशित 'आत्मतत्त्व' है।

यह मंत्र बद्रीनाथ धाम या ज्योतिर्मठ का भी महावाक्य है, जो कि उत्तर दिशा में स्थित भारत के चार धामों में से एक है।

महावाक्य का अर्थ होता है?
अगर इस एक वाक्य को ही अनुसरण करते हुए अपनी जीवन की परम स्थिति का अनुसंधान कर लें, तो आपका यह जीवन सफलता पूर्वक निर्वाह हो जाएगा। इसलिए इसको महावाक्य कहते हैं।

Ayamatma Brahma in English

Ayamatma Brahma is the Mahavakya described in the ancient Hindu scriptures and Upanishads of India..
यह भी जानें

Mantra Vedic MantraVed MantraChar Dham MantraBadrinath Dham MantraJyotirmath Mantra

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

श्रीमहालक्ष्मीस्तोत्रम् विष्णुपुराणान्तर्गतम्

सिंहासनगतः शक्रस्सम्प्राप्य त्रिदिवं पुनः। देवराज्ये स्थितो देवीं तुष्टावाब्जकरां ततः॥

श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम

सुमनस वन्दित सुन्दरि माधवि, चन्द्र सहोदरि हेममये, मुनिगण वन्दित मोक्षप्रदायिनि, मंजुल भाषिणी वेदनुते ।

श्री लक्ष्मी के 108 नाम - श्रीलक्ष्मीष्टोत्तरशतनामावलिः

ॐ प्रकृत्यै नमः ॥ ॐ विकृत्यै नमः ॥ ॐ विद्यायै नमः ॥ ॐ सर्वभूतहितप्रदायै नमः ॥ ॐ श्रद्धायै नमः ॥ ॐ विभूत्यै नमः ॥

इन्द्र देव गायत्री मन्त्र

ॐ सहस्त्रनेत्राय विद्महे वज्रहस्ताय धीमहि। तन्नो इन्द्रः प्रचोदयात्॥

वक्रतुण्ड महाकाय - गणेश मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र

ऋण से छुटकारा पाने हेतु ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र का नियमित पाठ करने से भक्त को कर्ज चुकाने मे आसानी होती है

अन्नपूर्णा स्तोत्रम्

नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरी, निर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी।

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
×
Bhakti Bharat APP