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यमुनोत्री - Yamunotri

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ उत्तराखंड के चार धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ में से एक।
◉ प्रवित्र यमुना नदी का उद्गम स्थल।

यमुनोत्री मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो देवी यमुना को समर्पित है। यमुनोत्री को भारत की प्रवित्र नदियों में से एक यमुना नदी का उद्गम स्थल माना जाता है। गढ़वाल हिमालय के पश्चिम में समुद्र तल से 3235 मीटर की ऊंचाई पर यमुनोत्री मंदिर स्थित है। इस मंदिर को माता यमुनोत्री का मंदिर के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, माता यमुना सूर्य देव की पुत्री हैं और धर्मराज यमराज की छोटी बहन। इस मंदिर में मृत्यु के देवता यम अपनी छोटी बहन यमुना से साथ विराजमान हैं। यमनोत्री धाम उत्तराखण्ड के चार धामों में से एक है।

मंदिर की स्थापना
1919 में इस मंदिर का निर्माण टिहरी गढ़वाल के राजा प्रताप शाह ने करवाया था। परन्तु 19वी में भयंकर भूकंप के कारण यह मंदिर पूरा तहस नहस हो गया फिर तभी जयपुर की महारानी गुलेरिआ ने इसका पुन: निर्माण कराया। यह स्थान उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के कालिंद पर्वत पर स्थित है। मंदिर के गर्भगृह में यमुना देवी की काले संगमरमर की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठित है। यमुनोत्री धाम का मुख्य आकर्षण देवी यमुना के लिए समर्पित मंदिर एवं जानकीचट्टी है।
यमुनोत्री पहुंचना बहुत ही आसान है, उत्तराखंड के अधिकांश महत्वपूर्ण शहरों से यमुनोत्री अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

मंदिर कपाट खोलने का समय:
यमनोत्री मंदिर के कपाट हर साल अक्षय तृतीया के दिन खुलते हैं और दिवाली के दूसरे दिन बंद कर दिया जाता है। उत्तराखण्ड मे चार धाम मंदिरो के कपाटो मे सबसे पहले यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के ही कपाट खोले जाते है।

प्रचलित नाम: यमुनोत्री मंदिर, यमुनोत्री धाम

समय - Timings

दर्शन समय
Akshaya Tritiya - Diwali
त्योहार

इतिहास

इतिहासकारों के अनुसार, इस स्थान पर पहले महर्षि असित का आश्रम हुआ करता था। महर्षि प्रतिदिन इसी नदी मे स्नान किया करते थे। माना जाता है कि जब महर्षि वृद्ध हो गये और नदी तक आना जाना उनके लिए मुश्किल हो गया तो गंगा माता ने अपने जल की एक धारा उनके आश्रम की तरफ छोड दी थी जिसमे महर्षि स्नान करते थे। वो जल की धारा आज भी वहाँ पर स्थित है। यमुनोत्री मन्दिर के पास ही एक पवित्र शिला रखी हुई है जिसे दिव्य शिला कहकर पुकारा जाता है। श्रृद्धालुओ मन्दिर जाने से पूर्व इस शिला की पूजा करते है उसके बाद ही मन्दिर के दर्शन करते है।

यमुनोत्री मंदिर से ही यमुना नदी का उत्पत्ति हुआ है। बताया जाता है कि इसके पास ही दो पवित्र कुंड भी है, जिसे सूर्य कुंड और गौरी कुंड के नाम से जाना जाता है। सूर्य कुंड का जल उच्चतम तापमान के लिए प्रसिद्ध है। यहां आने वाले श्रद्धालु कपड़े की पोटली में चावल सूर्य कुंड के जल में पकाते हैं और प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। कहा जाता है कि जो लोग यमुना में स्नान करते हैं, उन्हें यम मृत्यु के समय पीड़ित नहीं करते हैं। यमुनोत्री के पास भी कुछ गर्म पानी के स्रोते हैं।

Yamunotri in English

Yamunotri Temple is a famous Hindu temple dedicated to Devi Yamuna. This temple is known as Temple of Mata Yamunotri.

जानकारियां - Information

बुनियादी सेवाएं
Prasad, Drinking Water, Shoe Store, Power Backup, Washrooms, CCTV Security, Sitting Benches, Music System, Office
स्थापना
त्रेता युग
देख-रेख संस्था
उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम् प्रबन्धन बोर्ड
समर्पित
माँ यमुना
फोटोग्राफी
हाँ जी (मंदिर के अंदर तस्वीर लेना अ-नैतिक है जबकि कोई पूजा करने में व्यस्त है! कृपया मंदिर के नियमों और सुझावों का भी पालन करें।)
नि:शुल्क प्रवेश
हाँ जी

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Yamunotri Dham Yamunotri Uttarakhand
सड़क/मार्ग 🚗
Barkot Yamunotri Road
रेलवे 🚉
Dehradun Station
हवा मार्ग ✈
Jolly Grant Airport Dehradun
नदी ⛵
Yamuna
वेबसाइट 📡
सोशल मीडिया
Download App
निर्देशांक 🌐
30.999621°N, 78.462753°E
यमुनोत्री गूगल के मानचित्र पर
http://www.bhaktibharat.com/mandir/yamunotri

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