विराट रामायण मंदिर ₹500 करोड़ के अनुमानित बजट के साथ भारत के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया में प्रस्तावित हिंदू मंदिर है। पूरा होने पर यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक होगा। 20 जून 2023 से मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। मान्यता यह है कि यहां भगवान श्रीराम की बारात रुकी थी, अब इस स्थान पर बनने जा रहा है विराट रामायण मंदिर जो की 270 फीट ऊंचा होगा।
विराट रामायण मंदिर के लिए नियोजित संरचना
❀ विराट रामायण मंदिर कंबोडिया में 12वीं शताब्दी के विश्व प्रसिद्ध अंगकोर वाट मंदिर परिसर की ऊंचाई से लगभग दोगुना होगा, जो 215 फीट ऊंचा है। इस मंदिर का शिखर अंकोरवाट मंदिर से भी ऊंचा होगा।
❀ मंदिर कंबोडिया में अंगकोर वाट मंदिर और भारत में रामेश्वरम रामनाथस्वामी मंदिर और मदुरै मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर से प्रेरित है।
❀ मंदिर में 20,000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला एक हॉल होगा।
❀ दक्षिण भारत के विशेषज्ञ विराट रामायण मंदिर का शिखर बनाएंगे।
❀ मंदिर में भगवान राम और सीता पर ध्यान केंद्रित करते हुए विभिन्न हिंदू देवताओं के लिए ऊंचे शिखर वाले 18 मंदिर होंगे।
❀ 125 एकड़ जमीन पर विराट रामायण मंदिर बनेगा।
❀ मंदिर 1080 फीट लंबा और 580 फीट चौड़ा और 270 फीट ऊंचा बनाया जाएगा।
❀ मंदिर का निर्माण 3 लाख 76 हजार वर्गफीट में होगा।
विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के लिए नियोजित संरचना
❀ दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग होगा, जिसकी लंबाई 33 फीट ऊंची और 33 फीट मोटी होगी, जो एक ही पत्थर से बनी होगी।
❀ जो शिवलिंग स्थापित होगा, उस पर जल चढ़ाया जाएगा। तीसरी मंजिल पर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने की व्यवस्था की जाएगी।
❀ शिवलिंग का निर्माण महाबलीपुरम में काले ग्रेनाइट पत्थरों से किया जा रहा है। इस शिवलिंग का निर्माण सहस्त्रलिंगम जैसा होगा, यानी एक शिवलिंग में एक हजार आठ शिवलिंग विराजमान होंगे। इस प्रकार का शिवलिंग आठवीं शताब्दी में बनाया गया था।
इसके अलावा यहां चार साधुओं के नाम पर चार आश्रम भी बनेंगे। शिखर के निर्माण के लिए दक्षिण भारत से विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे। महावीर मंदिर न्यास के सचिव का दावा है कि यह मंदिर सुंदर वास्तुकला की मिसाल बनेगा। उन्होंने बताया कि विराट रामायण मंदिर परिसर के तीन तरफ से सड़क है। अयोध्या से जनकपुर तक बन रहा राम-जानकी मार्ग मंदिर से होकर गुजरेगा। केसरिया बौद्ध स्तूप भी इसी रास्ते पर है।
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