मंदिर की सकरारात्मक ऊर्जा का मुख्य आकर्षण केन्द्र नवदुर्गा धाम है, जिसके अंतर्गत मध्य मे माँ काली के साथ माता के सभी नौ रूपों स्थापित हैं। यह नवदुर्गा धाम मंदिर के प्रथम तल पर स्थित है, इसी कारण मंदिर का नाम श्री वैष्णो देवी मंदिर कहा जाता है।
मंदिर परिसर मे सनातन धर्म के प्रमुख लगभग सभी पूज्य देवी-देवताओं के विग्रह प्रतिष्ठित किए गये हैं, अतः मंदिर मे सभी प्रकार की पूजा पद्धति मे आस्था रखने वाले भक्तों को देखा जा सकता है।
अर्धगोलकार आक्रति मे बने विशाल से गुंबद के नीचे नीली आभा के साथ भगवान शिव का नटराज स्वरूप मंदिर के सामने स्थित पेट्रोल पंप से बड़ी ही सुलभता से देखा जा सकता है।
मुख्य मंदिर की प्रवेश दीवार पर उभरे हुए छोटे-छोटे मंदिर क्रमशः श्री कृष्ण जन्म एवं भगवान श्री लक्ष्मीनारायण की झाँकी को दर्शाते है। सबसे ऊपर दाँये एवं बाईं दोनों ओर पाँच सफेद घोड़ों पर विराजमान सूर्य देव सुशोभित हो रहे हैं।
भगवान शिव की नटराज मुद्रा के बाईं ओर शनि धाम स्थापित किया गया है, जहाँ प्रत्येक शनिवार को हजारों की संख्या मे भक्त शनि देव पर सरसों का तेल चढ़ाने हेतु आगमन करते हैं तथा शनिदेव से अपने सभी कष्टों और कठिनाइयों को अवशोषित करने की प्रार्थना करते हैं।
Dual presence of Shri Surya Dev with five white horses on the top of the temple. He spread the positive energy to all devotee who visited in temple.
There is a petrol pump available in front of temple. Blue Lord Shiv in Natraj postures can be view from this petrol service station.
A Shani mandir is situated at the left side of Natraj posture, attached with main primary hall. On every saturday devotees offer mustard oil and pray to absorbed their all pain and difficulties.
श्री वैष्णो देवी मंदिर
The front view: a half circled look of shikhar, Shri Ganesh at the very top, two sided Shri Surya Dev with white horses, a view of Shri Krishna Janm with his father Shri Vasudev, Shri Narayan Lakshmi with Sheshnag and Left Shri Shani Dham.
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