16 मंजिल, 317 फीट ऊंचे त्रिलोकतीर्थ धाम में आचार्य श्री विद्याभूषण सन्मति सागर जी महाराज की प्रेरणा से बनाया गया है। 16 वीं मंजिल पर भगवान आदिनाथ जी एक विशाल 31 फीट उँची धातु पद्मासन मूर्ति है। सहस्त्रकूट चेतनालय में 1008 रत्न मूर्ति स्थापित की गई हैं। यह रावण, पांडव, लव-कुश और भगवान पार्श्वनाथ से संबंधित पौराणिक कथाओं का एक ऐतिहासिक स्थान है।
त्रिलोकतीर्थ धाम
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