अरावली पर्वत श्रंखला की हरियाली के बीच में, सूरजकुंड की ओर जाने वाली रोड पर लीजर वैली पार्क के निकट यह सुंदर, शांत एवं हृदय को प्रफुल्लित करने वाला यह श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर भगवान श्री नारायण एवं उनकी पत्नी देवी श्री लक्ष्मीजी को समर्पित है। मंदिर सफेद रंग के चमकते संगमरमर के कारण उत्तरी भारत में अपनी अद्वितीय आभा के कारण प्रसिद्ध है। जो कि राजस्थान के उच्चतम गुणवत्ता वाले मकराना से निर्मित है।
भगवान श्री नृसिंह जयंती 2022: श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम (श्री सिद्धदाता आश्रम) में भगवान श्री नृसिंह जयंती शनिवार, दिनांक 14 मई 2022 को सांय: 5:00 बजे से महाभिषेक एवं दिव्य श्रृंगार, सायं 06 00 बजे से शोभा यात्रा तदुपरांत भंडारा। आप सभी सादर आमंत्रित हैं। सभी धर्मप्रेमियों से निवेदन है कि आप इस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर भगवान श्री नृसिंह जी व पूज्य श्री गुरुदेव जी का आशीर्वाद प्राप्त करें। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आश्रम के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल के माध्यम से किया जाएगा।
मंदिर के पाँच सोने के गगनचुम्बी शिखर इतने भव्य एवं विशाल हैं कि मेट्रो से यात्रा करते समय दूर से भी इन्हें देखा जा सकता है। भक्ति-भारत की टीम को इस दिव्य मंदिर ने एसे ही पहाड़ी के ऊपर चमकते हुए शिखारों ने अपनी ओर आकर्षित किया, और हमें अपने दर्शन के लिए खींच ही लिया।
मंदिर प्रांगण के साथ-साथ मेडिकल केम्प, गुरुकुल, संस्कृत महाविद्यालया, धर्मशाला, सत्संग हॉल, भंडारा हॉल, गौशाला एवं आश्रम की सुविधा भी उपलब्ध है।
1996
Guru Maharaji had laid the foundation stone for Shri Lakshmi Narayan Mandir on the holy occasion of Dasshera.
2007
Well-planned, the Sidhdata Ashram by Vaikunthvasi Shrimad Jagadguru Ramanujacharya Swami Sudarshanacharyaji Maharaj, came to its full logical presence.
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