श्री पशुपतिनाथ मन्दिर, भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों से अलग नेपाल का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। भगवान शिव का यह मंदिर उनके पशुपतिनाथ स्वरूप को समर्पित है, पशुपतिनाथ का अर्थ है सभी पशुओं के स्वामी।
भगवान पशुपतिनाथ काठमांडू के संरक्षक कहे जाते हैं। श्री पशुपतिनाथ मन्दिर नेपाल की राजधानी काठमांडू में बागमती गंगा के तट पर स्थित है। मंदिर के पश्चिमी द्वार के सामने भगवान शिव के प्रमुख गण नंदी की विशाल स्वर्ण प्रतिमा, आने वाले भक्तों को सबसे अधिक आकर्षित करती है।
पशुपतिनाथ मंदिर का प्रथम अस्तित्व 400 ईसा पूर्व का माना जाता है। 15 वीं शताब्दी में मंदिर का नवीनीकरण किया गया था, उससे पहिले की दीवारों को दीमक द्वारा कमजोर कर दिया गया था।
मंदिर परिसर में प्रवेश हेतु चारों दिशाओं में 4 प्रवेश द्वार बने हुए हैं। उन चारों द्वारों में से पश्चिमी प्रवेश द्वार मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार है तथा शेष तीन प्रवेश द्वार केवल बड़े उत्सवों के दौरान ही खोले जाते हैं। परिसर में मुख्य मंदिर के साथ-साथ अन्य सभी मंदिर लकड़ी के ढांचे के साथ लगभग चौकोर आकार में बने हुए हैं। मुख्य मंदिर की दो मंजिला छत तांबे से निर्मित है तथा सोने से ढकी हुई है, मुख्य शिखर सोने में मढ़ा हुआ है एवं द्वार चांदी की चादरों से जड़े हुए हैं।
भारतीय एवं तिब्बती मूल के हिंदुओं तथा बौद्धों को ही मुख्य मंदिर में प्रवेश की अनुमति है। यह मंदिर परिसर 1979 से यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में सम्मलित किया गया है। मंदिर परिसर में श्री राम मंदिर, विराट स्वरूप मंदिर, 12 ज्योतिर्लिंग भी स्थापित किए गये हैं।
मंदिर के निकट आदिमाता शक्ति के 52 शक्तिपीठों में एक श्री गुह्येश्वरी शक्तिपीठ भी स्थित है, जिसका एक रास्ता पशुपतिनाथ से जंगल की ओर होते हुए शक्तिपीठ तक जाता है। आप मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर, आश्रम, विश्राम स्थल देख सकते हैं। मंदिर के कुछ बंदरों को लोगों के साथ खेलते और कभी-कभी उन्हें डराते देखा जा सकता हैं। हिरणों को जंगल में संरक्षित किया जाता है।
मंदिर दर्शन की तैयारी कुछ एसे करें कि शाम को 6 बजे होने वाली आनंदमयी संध्या आरती आपको अवश्य देखने को मिल जाए। भगवान पशुपतिनाथ जी की यह संध्या आरती बहुत ही शानदार होती है। तथा बागमती नदी के तट पर होने वाले दाह संस्कार का दृश्य आपको अपने जीवन के बारे में सोचने पर मजबूर कर सकता है।
मंदिर परिसर के बाहर पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध है। मंदिर में पूजा हेतु फूल एवं पूजा समिग्री दुकानों से प्राप्त की जा सकती है। सावन का पवित्र माह, शिवरात्रि एवं सोमवार के दिन मंदिर दर्शन के लिए सबसे पवित्र माने जाते हैं।
Sanyasi taking rest in Shri Pashupatinath Mandir
Sanyasi taking prasad in Shri Pashupatinath Mandir
Western entrance of Shri Pashupatinath Mandir
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