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सांवलिया जी मंदिर - Sanwaliya ji Mandir

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ मंदिर भगवन कृष्ण को समर्पित है जो की श्री सांवरिया सेठ के नाम से भी जाना जाता है।
◉ यह मंदिर भगवान कृष्ण के काले पत्थर को समर्पित भव्य मंदिर है।
◉ दुनिया भर से भक्त अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करने के लिए मंदिर में आते हैं।

सांवलिया जी मंदिर चित्तौड़गढ़-उदयपुर राजमार्ग, राजस्थान,चित्तौड़गढ़ से लगभग 40 किलोमीटर दूर भादसोरा, मंडाफिया और छापर शहर में स्थित हैं। मंदिर भगवन कृष्ण को समर्पित है जो की श्री सांवरिया सेठ के नाम से भी जाना जाता है। शौर्य और भक्ति की ऐतिहासिक नगरी - मंडाफिया को अब श्री सांवलिया धाम के रूप में जाना जाता है और वैष्णव संप्रदाय के अनुयायियों के लिए श्रीनाथ जी मंदिर, नाथद्वारा के बाद दूसरा स्थान है।

सांवलिया जी मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
सांवरियाजी मंदिर परिसर गुलाबी बलुआ पत्थर में निर्मित एक सुंदर संरचना है। सांवरिया सेठ मंदिर की विशेषता और महत्व यह है कि यह मंदिर भगवान कृष्ण के काले पत्थर को समर्पित भव्य मंदिर है। लोगों का मानना ​​है कि श्री सांवलिया सेठ के दरबार में जाने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। देवता के आशीर्वाद के कारण कहीं से भी सोना निकालने की कहानियां आमतौर पर इस क्षेत्र में सुनी जाती हैं। इसलिए, यह हिंदू समुदाय के लिए भगवान कृष्ण को समर्पित धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण मंदिरों की सूची में दूसरे स्थान पर है।

एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक दूधवाले भोलाराम गुर्जर ने एक बार सपने में भादसोड़ा-बगंड में तीन मूर्तियों को दफनाए जाने का सपना देखा था। जब उन्होंने विवरण साझा किया, तो ग्रामीणों ने भोलाराम के स्वप्न में स्थित मूर्तियों की तलाश शुरू की और उन्हें भगवान कृष्ण की मूर्तियाँ मिलीं। दो प्रतिमाओं को दो अलग-अलग स्थानों (मंडफिया और भादसौदा) में स्थापित किया गया था, जबकि एक को जहां पाया गया था (भादसौदा-बगुंद) रखा गया था। मंदिरों को तब भगवान कृष्ण के सम्मान में स्थानों पर बनाया गया था। दुनिया भर से भक्त अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करने के लिए मंदिर में आते हैं।

सांवलिया जी मंदिर दर्शन का समय
सांवलिया जी मंदिर के कपाट सुबह 5:30 बजे खुलते हैं और रात 23:00 बजे तक खुलते हैं। सांवरिया सेठ मंदिर की आरती के समय में मंगला आरती, शाम की आरती और फलाहार प्रसाद शामिल हैं।

सांवलिया जी मंदिर में प्रमुख पर्व
हर साल मंदिर में सभी प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। जन्माष्टमी, महा-शिवरात्रि, होली, फूलडोल महोत्सव, नवरात्रि, राम-नवमी, जलझूलनी एकादशी, दीपावली और अन्नकूट त्योहार मनाए जाते हैं।

हर साल देवझूलनी एकादशी पर 3-दिवसीय विशाल मेला आयोजित किया जाता है। प्रतिमाह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को सांवलियाजी का दानपात्र (भंडार) खोला जाता है और अगले दिन यानी अमावस्या को शाम को महाप्रसाद का वितरण किया जाता है।

कैसे पहुंचे सांवरिया सेठ मंदिर
चितौड़गढ़ शहर रोडवेज, रेलवे के अन्य शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। चित्तौड़गढ़ से मंदिर 40 किमी दुरी पर स्थित है इसलिए कोई भी आसानी से सांवरिया सेठ मंदिर तक पहुंच सकता है और दर्शन कर सकता है। सांवरिया सेठ मंदिर में भगवान कृष्ण के पवित्र दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों भक्त आते हैं।

प्रचलित नाम: Sanwaliya ji temple, Bhagwan Krishna, Shri Sanwariya Seth, Shri Sanwaliya Dham

समय - Timings

दर्शन समय
6 AM - 11 PM
त्योहार
Janmashtami, Maha-Shivaratri, Holi, Phooldol Festival, Navratri, Ram-Navami, Jaljhulni Ekadashi, Deepawali, Annakoot | यह भी जानें: एकादशी

Sanwaliya ji Mandir in English

Sanwaliya ji temple is located in the town of Bhadsora, Mandaphia and Chhapar, about 40 km from Chittorgarh on the Chittorgarh-Udaipur Highway, Rajasthan. The temple is dedicated to Bhagwan Krishna who is also known as Shri Sanwariya Seth.

जानकारियां - Information

मंत्र
ॐ केशवाय नमः स्वाहा, ॐ नारायणाय नमः स्वाहा, माधवाय नमः स्वाहा
बुनियादी सेवाएं
पेयजल, प्रसाद, सीसीटीवी सुरक्षा, जूता स्टोर, पार्किंग स्थल
धर्मार्थ सेवाएं
शयनगृह, कपड़द्वार, विश्राम कक्ष, रेस्तरां, प्रतीक्षा क्षेत्रों में बैठने की व्यवस्था, व्हीलचेयर, सहायता डेस्क
देख-रेख संस्था
श्री सांवलिया मंदिर मंडल, मंडाफिया
समर्पित
श्री कृष्ण
नि:शुल्क प्रवेश
हाँ जी

क्रमवद्ध - Timeline

5 AM - 11 PM

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
P99H+63V, village mandafiya Bhadsora Rajasthan
सोशल मीडिया
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निर्देशांक 🌐
24.7181556°N, 74.380201°E
सांवलिया जी मंदिर गूगल के मानचित्र पर
http://www.bhaktibharat.com/mandir/sanwaliya-ji-mandir

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