हरि नगर के पवित्र माँ संतोषी मंदिर की स्थापना 3 जुलाई 1981 को सतगुरु श्री शमशेर बहादुर सक्सेना जी और उनकी पत्नी सतगुरु माँ श्रीमती कांता सक्सेना जी ने की थी। हरि नगर का मंदिर जोधपुर संतोषी माता मंदिर की प्रेरणा से स्थापित किया गया है। जो पहाड़ों से घिरी अति पुरानी लाल सागर नामक प्रसिद्ध झील में स्थित है।
101वाँ चैत्र नवरात्रि 2023 मेला: 22 मार्च से 30 मार्च
मंदिर के गर्भग्रह में तीन देवियाँ क्रमश माँ वैष्णो, माँ संतोषी तथा माँ सरस्वती विराजमान हैं। इन तीनों देवियों की सेवा में निरंतर तत्पर श्री हनुमंत लाल गर्भग्रह के बाँये द्वार पर उपस्थित हैं। मंदिर में तीन देवियों का एक साथ गर्भग्रह मे होना, मुंबई तथा पुणे की महालक्ष्मी मंदिरों से समान ही जान पड़ता है।
श्री माता वैष्णो देवी जी को तीन सर्वोच्च ऊर्जाओं अर्थात माँ महाकाली, माँ महालक्ष्मी एवं माँ महासरस्वती का एक अवतार माना जाता है। माँ संतोषी की अष्टधातु मूर्ति एशिया में अपनी ही तरह की सबसे बड़ी और विशाल मूर्ति है। भक्तजन माता के इस रूप के दर्शन केवल शुक्रवार और मंदिर के अन्य सभी त्यौहारों पर प्राप्त कर सकते हैं।
मंदिर में शुक्रवार शाम 6:00 बजे तथा रविवार सुबह 9:00 बजे देवी संतोषी की एवं मंगलवार शाम 6:00 बजे देवी वैष्णो की चौकी का आयोजन होता है, जिसके अंतर्गत माँ का भक्तों के साथ संवाद स्थापित होता है।
मंदिर में सभी भक्तों के लिए प्रत्येक मंगलवार, शुक्रवार और रविवार को भंडारे का आयोजन किया जाता है। नवरात्रि के समय मंदिर 24 घंटे भक्तों के दर्शन के लिए खुला रहता है। प्रत्येक वर्ष नौ फरबरी को अष्टधातु मूर्ति स्थापना दिवस मनाया जाता है।
संतोषी माता का उद्यापन करने के लिए अत्यंत शुद्धता एवं स्वच्छता की आवश्यकता होती है। अतः इस शुद्धता एवं स्वच्छता को बनाए रखने हेतु, संतोषी माता मंदिर में माता के व्रत उद्यापन का सुविधा प्रारंभ की जा चुकी है। जो भगतजन मां संतोषी के व्रत का उद्यापन करना चाहते हैं वह मंदिर से ही निर्मित सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। इच्छुक भगत जन निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। श्री के.के. बत्रा 9811233765 | श्री आई.जे. अग्रवाल 9871894703
Chaitra Navratri 2022
माँ वैष्णो, माँ संतोषी तथा माँ सरस्वती
माँ महासरस्वती
माँ महाकाली, माँ अष्टभुजी
माँ संतोषी
29 February 1984
मंदिर मे शिवालय की स्थापना।
3 July 1981
माँ वैष्णो, माँ संतोषी एवं माँ सरस्वती स्थापना।
9 February 1998
एशिया में माँ संतोषी के सबसे बड़े धातु विग्रह की स्थापना।
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