संजीवनी हनुमान मंदिर जो कि मनकी पॉइंट के नाम से प्रख्यात है हिमाचल प्रदेश के कसौली में वायु सेना क्षेत्र के अंदर स्थित है। यह प्राचीन मंदिर हनुमान जी के बायें पैर के आकार की चोटी पर ऐडी वाले स्थान पर बना हुआ है। मंदिर के सबसे भव्य स्थान पर स्थित होने के कारण चारो तरफ का विहंगम दृश्य दिखाई देता है। यह कसौली क्षेत्र की एक पहाड़ी पर लगभग 300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
संजीवनी हनुमान मंदिर दर्शन का समय और त्यौहार
मंदिर पूरे दिन दर्शन के लिए खुला रहता है। लेकिन दर्शन का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक है। भगवान हनुमान का जन्मोत्सव हनुमान जयंती यहां मनाई जाती है।
संजीवनी हनुमान मंदिर का परिद्रश्य
मंदिर परिसर एयरफोर्स क्षेत्र के अंदर है, अतः यहाँ आस-पास रेस्तरां अथवा भोजनालय की व्यवस्था न के बराबर ही है। ऊपर मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने हेतु, पहाड़ी पर सीढ़ियों से होकर जाना होता है। चढ़ाई अधिक होने के कारण भक्तों को पीने के पानी की जरूरत रहती है। अतः श्रद्धालु पीने के पानी की उचित उपलब्धता के साथ ही चलें। मंदिर में मोबाइल फोन, स्मार्ट वॉच तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की सख्त मनाई है, अतः मंदिर में प्रवेश से पहले भक्तों को सभी सामान उपलब्ध क्लॉक रूम में जमा करना होगा, अच्छा होगा कि अधिक सामान लेजाने से बचा जाये।
पहाड़ी पर चढ़ने के लिए टेढ़े-मेढ़े (जिग-जेट) आकर में सीढ़ियां बनी हुई हैं और प्रत्येक मोड़ पर पत्थर की पट्टिकाओं पर प्रेरणादायक वाक्य उकेरे गए हैं, जो श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने की ऊर्जा प्रदान करते हैं। साथ ही साथ सीढ़ियों पर लगी लोहे की रेलिंग श्रद्धालुओं को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करतीं हैं।
मंदिर के गर्भगृह की दीवार पर सम्पूर्ण हनुमान चालीसा लिखा हुआ है। मंदिर में एक प्राचीन वृक्ष है। ऐसी मान्यता है कि जो भी उस वृक्ष पर धागा बांधकर अपनी मनोकामना कहता है हनुमान जी उनकी मनोकामना पूरी करते हैं।
मंदिर से नीचे उतरने के बाद हल्के-पुलके भोजन जैसे समोसा, ब्रेड पकोड़े और मैगी की सीमित सुविधा उपलब्ध है। पास में ही मैग्गी पॉइंट है जहाँ श्रद्धालु मैग्गी के साथ-साथ समोसा-बंद एवं टिक्की-बंद से अपनी भूख मिटा सकते हैं।
कसौली देश की सभी सड़कों से सीधे जुड़ा हुआ है। सबसे प्रसिद्ध रेलवे स्टेशन कालका मात्र 40 किमी दूर है। हवाई मार्ग के लिए चंडीगढ़ हवाई अड्डे से कार द्वारा कसौली जा सकते हैं।
संजीवनी हनुमान मंदिर, मनकी प्वाइंट के दर्शन से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
● कसौली से ऊपर जाने के बाद मॉल रोड के पास पहुँचने पर सामुहिक को आगे नहीं जाना जाता है। आप वहां से लोकल टैक्सी लेकर मनकी पॉइंट पर जाएंगे।
● मंदिर से पहले भारतीय वायु सेना का स्टेशन है। सभी तरह की चेकिंग होने के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया जाता है।
● प्वाइंट में प्रवेश करने के लिए, आईडी प्रूफ, वाहन दस्तावेज आदि सहित उचित दस्तावेज ले जाने चाहिए।
● परिसर में गंदगी फैलाने की अनुमति नहीं है, कसौली में गंदगी फैलाने पर भारी जुर्माना वसूला जाता है।
यह मंदिर मंत्रमुग्ध कर देने वाले वातावरण के साथ-साथ हरी-भरी हरियाली के बीच स्थित है। मंदिर की संरचना खड़ी छत और छोटे गुम्बट के साथ पहाड़ी क्षेत्र के लिए उपयुक्त बनाई गई है। यह विशिष्ट घर की संरचना है जिसके सामने सुनहरे रंग का स्तंभ है।
माना जाता है कि लंका में राम रावण के युद्ध के समय मेघनाद लक्ष्मण को युद्ध के लिए ललकारता है। मेघनाथ के ललकार से नाराज लक्ष्मण युद्ध के लिए जाते हैं, लेकिन इस बार वो अपनी मायावी चाल से लक्ष्मण पर शक्ति बाण से प्रहार करता है। विभीषण राम के विलाप को देखते हुए कहते हैं कि उनका इलाज सिर्फ सुषेण वैद्य कर सकते हैं। जब हनुमान जी सुषेण वैद्य को लेकर आते हैं तब वैद्य लक्ष्मण जी की स्थिति देखकर कहते हैं कि सूर्योदय से पहले हिमालय पर्वत से उनके लिए संजीवनी बूटी लानी होगी। तभी लक्ष्मण का जीवित होना संभव है।
हनुमान जी बिना सोचे समझे हिमालय पर्वत की तरफ जाते हैं। वहां एक ही तरह की औषधी होने के कारण भ्रमित हो जाते हैं। इसलिए वे पूरे पहाड़ को उठा कर लंका की तरफ चलते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मार्ग में पड़ने वाली पहाडों की ऊँची चोटियों पर हनुमान जी के पैर कुछ जगहों पर पड़े थे। उन्हीं में से एक स्थान है हिमाचल प्रदेश के कसौली में, माना जाता है कि यहां हनुमान जी का बायाँ पैर पडा था।
10 AM - 4 PM
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