श्री राधा रानी मंदिर, भानुगढ़ पहाड़ियों की चोटी पर स्थित बरसाने की प्रथम पूज्य `प्रेम की देवी` श्री राधा रानी का पहला मंदिर है। बरसाना राधा रानी की जन्म स्थली है, और वहाँ के लोग उन्हें प्रेम से लाड़लीजी और श्रीजी पुकारते हैं। अतः यह मंदिर श्रीजी मंदिर तथा लाडली सरकार महल के नाम से भी जाना जाता है।
होली और राधाष्टमी लाडली लाल मंदिर के विश्व प्रसिद्ध उत्सव हैं. इन त्यौहारों पर लाखों की संख्या में लाडलीजी भक्त यहाँ दर्शन के लिए पधारते हैं।
अतः इसे वृषभानुपुर ग्राम भी बुलाते हैं। बरसाना राधा के पिता वृषभानु का निवास स्थान था। बरसाने में होली का उत्सव 45 दिनों तक मनाया जाता है. यहां स्थित जिन चार पहाड़ों पर राधा रानी का भानुगढ़, दान गढ़, विलासगढ़ व मानगढ़ हैं, वे ब्रह्मा के चार मुख माने गए हैं। इसी तरह यहां के चारों ओर सुनहरा की जो पहाड़ियां हैं उनके आगे पर्वत शिखर राधा रानी की अष्टसखी रंग देवी, सुदेवी, ललिता, विशाखा, चंपकलता, चित्रा, तुंग विद्या व इंदुलेखा के निवास स्थान हैं। यहां स्थित मोर कुटी, गहवखन व सांकरी खोर आदि भी अत्यंत प्रसिद्ध हैं। सांकरी खोर दो पहाड़ियों के बीच एक संकरा मार्ग है।
श्री राधा रानी मंदिर, बरसाना
श्री राधा रानी मंदिर, बरसाना
श्री राधा रानी मंदिर, बरसाना
श्री राधा रानी मंदिर, बरसाना
श्री राधा रानी मंदिर, बरसाना
Famous and testy lassi(लस्सी) in kulhad(लस्सी कुल्हड़) available in all seasons. Testy pure milk tea also available at the bottom of the temple.
Before 3000 AD
प्रारंभ में राजा वज्रनाभ द्वारा निर्मित।
Samvat 1626
भगवान चैतन्य महाप्रभु के अनुयायी, नारायण भट्ट गोस्वामी ने आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को मंदिर का निर्माण किया।
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