नमक्कल अंजनेयार मंदिर भारत के तमिलनाडु में नामक्कल जिले के एक शहर नामक्कल में स्थित है। यह मंदिर हिंदू भगवान हनुमान को समर्पित है। 'भगवान अंजनेयर' प्रभु हनुमान का दूसरा नाम है। मंदिर की शीर्ष पर कोई आवरण नहीं है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान अंजनेय की ऊंचाई हर दिन बढ़ रही है। अंजनेयार मंदिर 1500 वर्ष से अधिक पुराना है।
नमक्कल अंजनेयर मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
भगवान अंजनेयार की मूर्ति 18 फीट (5.5 मीटर) लंबी है, जो इसे भारत में हनुमान की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक बनाती है। यह मंदिर वैखानासा परंपरा का पालन करता है। द्रविड़ शैली के इस मंदिर का निर्माण पांड्य शासकों ने 8वीं शताब्दी में कराया था।
मंदिर में एक सपाट प्रवेश द्वार है जिसमें एक स्तंभ वाला हॉल है जो गर्भगृह तक जाता है। गर्भगृह में 130 मीटर (430 फीट) दूर स्थित तलहटी में नरसिम्हा मंदिर के सामने 18 फीट ऊंची अंजनेयार की मूर्ति है। भगवान की मूर्ति एक ही पत्थर से बनाई गई है और ऐसा माना जाता है कि यह 5वीं शताब्दी से विद्यमान है। गर्भगृह के ऊपर कोई छत नहीं है और भगवान अंजनेयार की कमर में तलवार और सालिग्राम से बनी माला धारण करते हुए एक अद्वितीय प्रतिमा है। यह मंदिर तमिलनाडु राज्य और देश के प्रमुख मंदिरों में से एक माना जाता है।
मंदिर की किंवदंती हिंदू भगवान विष्णु के अवतार नरसिम्हा से जुड़ी है, जो हनुमान और लक्ष्मी के लिए प्रकट हुए थे। मंदिर का रखरखाव और प्रबंधन तमिलनाडु सरकार के हिंदू धार्मिक और बंदोबस्ती बोर्ड द्वारा किया जाता है।
नमक्कल अंजनेयर मंदिर दर्शन का समय
मंदिर सुबह 6:30 बजे से रात 8:30 बजे तक खुला रहता है। अंजनेय को किये जाने वाला अभिषेक अद्भुत है। भगवान को अक्सर पूरी ऊंचाई तक वड़ा माला से सजाया जाता है। मंदिर में अनुष्ठान दिन में चार बार किए जाते हैं: सुबह 8:00 बजे कलासंधि, दोपहर 12:00 बजे उचिकाला पूजा, शाम 6:00 बजे सायरक्षा, और रात 8:45 बजे अर्धजामा पूजा। प्रत्येक अनुष्ठान के तीन चरण होते हैं: अलंकारम (सजावट), नैवेद्यम (भोजन अर्पण) और दीप आराधनाम (दीपक लहराना)।
नमक्कल अंजनेयार मंदिर के प्रमुख त्यौहार
मंदिर के पुजारी त्योहारों के दौरान और दैनिक आधार पर पूजा करते हैं। मंदिर में साप्ताहिक, मासिक और पाक्षिक अनुष्ठान होते हैं।
हनुमान जयंती, राम नवमी, थाई पूसम और मार्गाज़ी हनुमान जयंती नमक्कल अंजनेयार मंदिर के प्रमुख त्योहार हैं। मंदिर में चार दैनिक अनुष्ठान और कई वार्षिक उत्सव आयोजित किए जाते हैं, जिनमें से पंद्रह दिवसीय पंगुनी उथिरम उत्सव तमिल महीने पंगुनी (मार्च-अप्रैल) के दौरान मनाया जाता है, जब पीठासीन देवताओं की मूर्तियों को मंदिर के बहार लाया जाता है। यह मंदिर विशेष रूप से शनिवार और अमावस्या के दिन भक्तों की बड़ी भीड़ रहती है।
नमक्कल अंजनेयार मंदिर तक कैसे पहुँचें?
नमक्कल अंजनेयार मंदिर, नामक्कल से सलेम की सड़क पर तमिलनाडु के नामक्कल जिले में नामक्कल पहाड़ी के नीचे स्थित है। अंजनेय मंदिर तक जाने के लिए लगभग 350 से अधिक सीढ़ियाँ हैं। यह स्थान सड़क मार्ग और रेलवे द्वारा अन्य शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। चेन्नई से करीब 7 घंटे की दुरी पर स्थित है और नमक्कल रेलवे स्टेशन सलेम-करूर मार्ग पर स्थित है।
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