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काठगढ़ मंदिर - Kathgarh Mandir

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ स्वयंभू शिवलिंग का सम्बद्ध इतिहास।
◉ मंदिर मे शिवलिंग दो भागों में बंटा हुआ है।
◉ सिकंदर के वापिसी स्थल के रूप मे भी जाना जाता है।
◉ शिवरात्रि के दौरान चार दिवसीय मेले का आयोजन।

काठगढ़ महादेव मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है। पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित यह दुनिया का एकमात्र शिव मंदिर है, जहां शिवलिंग दो भागों में बंटा हुआ है। यहां महादेव के अर्धनारीश्वर रूप की पूजा की जाती है, ऐसा माना जाता है कि शिव के ये दो रूप अपने आप अलग हो जाते हैं और फिर विलीन हो जाते हैं। एक भाग को भगवान शिव के रूप में और दूसरे भाग को देवी पार्वती के रूप में पूजा जाता है। शिवलिंग के दोनों भागों के बीच की दूरी ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार स्वतः ही बढ़ जाती है। गर्मियों में यह रूप दो भागों में विभाजित हो जाता है और सर्दियों में यह फिर से एक रूप धारण कर लेता है।

पंजाब के महाराजा रणजीतसिंह ने इस मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ-साथ इसके आस-पास कुँए खुदवा कर जल की उचित व्यवस्था की थी। यह मंदिर सिकंदर के वापिसी स्थल के रूप मे भी जाना जाता है, सिकंदर के वापस होने की कथा को मंदिर में बड़ी ही जीवंत तरीके से दर्शाया गया है। मंदिर के आज तक के सभी महंत पीढ़ी दर पीढ़ी परंपरा से महंत श्री बूटी नाथ के ही वंशज है।

काठगढ़ मंदिर एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है, मंदिर की पश्चिम दिशा में शंभू धारा तथा दक्षिण में ब्यास नदी तथा कुछ ही दूरी पर इन दोनों धाराओं का संगम है। मंदिर प्रांगण से शाम के समय का सूर्यास्त आस-पास फैले विशाल हरे-भरे मैदानो की ओर देखा जा सकता है।

महादेव के इस विशेष रूप के साथ एक कथा भी जुड़ी है:
शिवलिंग के दोनों भागों में शिव के रूप में पूजे जाने वाले शिवलिंग की ऊंचाई लगभग 7 से 8 फीट और पार्वती के रूप में पूजे जाने वाले शिवलिंग की ऊंचाई 5 से 6 फीट है। शिवरात्रि के बाद धीरे-धीरे इनके बीच का अंतर बढ़ता जाता है। किंवदंतियों का यह भी कहना है कि भगवान राम के भाई भरत जब भी अपने नाना के घर जाते थे तो यहां भगवान शिव की पूजा करते थे।

काठगढ़ शिव मंदिर का इतिहास:
शिव पुराण की विदेश्वर संहिता के अनुसार पद्म कल्प के प्रारंभ में ब्रह्मा और विष्णु के बीच श्रेष्ठता का विवाद खड़ा हो गया और दोनों दैवीय हथियारों से युद्ध के लिए तैयार हो गए। इस भयानक स्थिति को देखकर, शिव अचानक एक अनंत प्रकाशस्तंभ के रूप में वहाँ प्रकट हुए, जिससे दोनों देवताओं के दिव्य अस्त्र स्वतः ही शांत हो गए। ब्रह्मा और विष्णु दोनों उस स्तंभ के आदि और अंत की उत्पत्ति जानने के लिए एकत्रित हुए। विष्णु ने शुक्र का रूप धारण किया और पाताल लोक में चले गए, लेकिन अंत नहीं पा सके। ब्रह्मा आकाश से केतकी फूल लेकर विष्णु के पास पहुंचे और कहा - 'मैं उस स्तंभ का अंत खोजने आया हूं, जिसके ऊपर यह केतकी का फूल है।' ब्रह्मा के इस छल को देखकर शंकर वहां प्रकट हुए और विष्णु ने उनके पैर पकड़ लिए। तब शंकर ने कहा कि तुम दोनों बराबर हो। आग के समान इस स्तंभ को काठगढ़ के नाम से जाना जाने लगा। ईशान संहिता के अनुसार यह शिवलिंग फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात को प्रकट हुआ था।

काठगढ़ शिव मंदिर के प्रमुख त्यौहार:
शिवरात्रि उत्सव के दौरान हर साल चार दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है। इन दिनों बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रद्धासुमन अर्पित करने आते हैं। काठगढ़ मंदिर में हर सोमवार को लंगर लगता है।

कैसे पहुंचें काठगढ़ शिव मंदिर:
यह प्रसिद्ध शिव मंदिर पठानकोट से सिर्फ 25 किमी दूर स्थित है। इसलिए भक्त आसानी से पठानकोट पहुंच सकते हैं और काठगढ़ शिव मंदिर तक पहुंचने के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं।

प्रचलित नाम: काठगढ़ शिव मंदिर, शिव मंदिर कांगड़ा

समय - Timings

AM: प्रभात आरती (सोमवार)
6:30 AM: प्रभात आरती
6:00 PM: संध्या आरती
त्योहार
5:30 AM - 8:00 PM | यह भी जानें: एकादशी

दान पात्र - Donate

https://payu.in/web/C1AA212139C758B3B9A153F1E8114375

Kathgarh Mandir in English

Kathgarh Mahadev Temple is located in the Kangra district of Himachal Pradesh. Situated on the border of Punjab and Himachal Pradesh, this is the only Shiv temple in the world, where the Shivling is divided into two parts.

जानकारियां - Information

धाम
Shri Radha KrishnaMaa DurgaShri Ram DarbarMaa TulsiVart VrakshYagyashala
बुनियादी सेवाएं
Prasad, Drinking Water, Shoe Store, Prasad Shops, Power Backup, Washrooms, CCTV Security, Sitting Benches, Music System, Office, Parking, Fountain, Children Park
धर्मार्थ सेवाएं
लंगर हॉल, डिस्पेंसरी
संस्थापक
स्वयंभू | महाराजा रणजीतसिंह (जीर्णोद्धार)
देख-रेख संस्था
प्राचीन शिव मंदिर सुधार सभा काठगढ़
महंत
समर्पित
भगवान शिव पार्वती

क्रमवद्ध - Timeline

1984

प्राचीन शिव मंदिर सुधार सभा का गठन किया

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Shiv mandir kathgarh, Tehsil Indora Kathgarh Himachal Pradesh
सड़क/मार्ग 🚗
Mirthal Kathgarh Road / Indora Kathgarh Road
रेलवे 🚉
Mirthal
हवा मार्ग ✈
Pathankot Airport,
नदी ⛵
Beas
वेबसाइट 📡
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
32.116275°N, 75.635744°E
काठगढ़ मंदिर गूगल के मानचित्र पर
http://www.bhaktibharat.com/mandir/kathgarh-mandir

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