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कंकाली देवी मंदिर - Kankali Devi Mandir

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ देवी काली मां के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, जिसे हिंदू तीर्थयात्रियों के बीच शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है।
◉ मंदिर चामुंडा देवी और भगवान विष्णु को समर्पित है।
◉ नवरात्रि के दौरान मां काली की प्रतिमा की गर्दन अपनी मूल स्थिति से थोड़ी झुकी हुई होती है।

कंकाली देवी मंदिर तिगावा गांव जो मध्य प्रदेश के भोपाल से लगभग 20 किमी दुरी पर स्थित है। इस मंदिर को तिगावा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह देवी काली मां के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, जिसे हिंदू तीर्थयात्रियों के बीच शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है। इतना पुराना होने के कारण यह हिंदुओं की श्रद्धा के केंद्रों में से एक है।

कंकाली देवी मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
मध्य प्रदेश के तिगावा गांव में कंकाली मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जो 5वीं शताब्दी ई.पू. का है। यह मंदिर चामुंडा देवी और भगवान विष्णु को समर्पित है। मंदिर में नरसिम्हा, शेषशायी विष्णु और चामुंडा देवी की मूर्तियाँ भी हैं।

कंकाली मंदिर 36 मंदिरों के समूह का हिस्सा है जो ज्यादातर खंडहर हैं। हालाँकि, कंकाली मंदिर उल्लेखनीय रूप से अच्छी स्थिति में है। ये मंदिर गुप्त काल के हैं। 36 मंदिर सिर्फ 30,000 वर्ग फीट में फैले हुए थे। कंकाली मंदिर चार विशाल स्तंभों पर आधारित है। गर्भगृह का मुख एक विशेष दिशा की ओर है, ऐसा प्रतीत होता है कि इसे किसी विशेष नक्षत्र को ध्यान में रखकर बनाया गया है। हालाँकि इस मंदिर का नाम कंकाली मंदिर है, लेकिन यहाँ भगवान विष्णु प्रमुख हैं। गर्भगृह में चामुंडा देवी के अलावा शेषशायी विष्णु की एक छवि देखी जा सकती है।

बाहर भगवान विष्णु की एक मूर्ति है जो अपने सिर पर शेषनाग के साथ ध्यान मुद्रा में बैठे हैं। एक मंडप (हॉल) भी कंकाली मंदिर का एक हिस्सा है। मंदिर में एक शिखर है जिसे आमलका के नाम से जाना जाता है जो गुप्त काल के दौरान आम था।

दीवारों और स्तंभों को शेरों, पेड़ों और फूलों की मूर्तियों से खूबसूरती से सजाया गया है। मंदिर के दरवाज़ों के चौखटों पर माँ गंगा की अपनी सवारी - मगरमच्छ, माता यमुना की कछुए पर सवारी की जटिल नक्काशी है। मंदिर की बाहरी दीवारें वराह अवतार और शैव धर्म के विषयों को दर्शाती हैं। कंकाली मंदिर के सामने एक दीवार पर काली माता का चित्रण है। इस मंदिर का आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि यह शैव और वैष्णव धर्म को समान रूप से समर्पित है।

कंकाली देवी मंदिर दर्शन का समय
कंकाली देवी मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है और दर्शन का समय सुबह 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक है।

कंकाली देवी मंदिर प्रसिद्ध महोत्सव
मां काली की प्रतिमा की एक खास बात है, नवरात्रि के दौरान मां काली की प्रतिमा की गर्दन अपनी मूल स्थिति से थोड़ी झुकी हुई होती है। कंकाली देवी मंदिर कई हिंदू त्योहार मनाता है जैसे श्रदेय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि, नवरात्रि और दशहरा। इन त्योहारों के दौरान पूरे भारत से लोग मंदिर में पूजा और दर्शन के लिए आते हैं।

कंकाली देवी मंदिर तक कैसे पहुंचें?
कंकाली मंदिर तक पहुंचने के लिए, आप बोलपुर स्टेशन या टोटो तक बस ले सकते हैं और फिर मंदिर तक इलेक्ट्रिक रिक्शा ले सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन कटनी है, जो मंदिर से लगभग 53.8 किमी दूर है। जबलपुर रेलवे. निकटतम हवाई अड्डा जबलपुर हवाई अड्डा है, जो कंकाली मंदिर से लगभग 88 किमी दूर है।

व्यक्तिगत अनुभव
❀ कंकाली मंदिर में इसकी रहस्यमय कहानी के बारे में सुना है कि कंकाली माता के तीन प्रकार के चेहरे थे, यानी जब आप सुबह के समय जाते हैं तो वह एक छोटी लड़की की तरह दिखती हैं, दोपहर में वह युवा की तरह दिखती हैं और शाम के समय वह बूढ़ी औरत की तरह दिखती हैं। उनके चेहरे की चमक समय-समय पर बदलती रहती है।

❀ आपको वास्तुकार के इस महान नमूने का अनुभव करने में शांति मिलेगी।

❀ अच्छा पुराना मंदिर, यह सांची के गुप्तकालीन मंदिर के समान है।

प्रचलित नाम: तिगावा मंदिर

समय - Timings

दर्शन समय
6 AM - 8 PM
त्योहार
Navratri, Dussehra, Kali Puja, Diwali | यह भी जानें: एकादशी

Kankali Devi Mandir in English

Kankali Devi Mandir is situated in Tigwa village which is about 20 km from Bhopal, Madhya Pradesh. This mandir is also known as Tigawa mandir.

जानकारियां - Information

मंत्र
जय माँ काली
स्थापना
5वीं शताब्दी
समर्पित
भगवान विष्णु, चामुंडा

क्रमवद्ध - Timeline

6 AM - 8 PM

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Tigawa, Amgawan Madhya Pradesh
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
23.6905904°N, 80.061686°E
कंकाली देवी मंदिर गूगल के मानचित्र पर
http://www.bhaktibharat.com/mandir/kankali-devi-mandir

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