जगन्नाथ पूरी की तर्ज पर ही रोहिणी श्री जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किया गया है। मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 20 से 24 फरवरी 2023 तक चला। रथ यात्रा के दिन यहाँ हजारों की संख्या में भक्त सम्मलित होते हैं।
मुख्य मंदिर का गर्भगृह सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर बनाया गया है, उसके साथ-साथ चार सहायक मंदिर क्रमशः लक्ष्मीजी, विमला माँ, श्री हनुमान तथा शिवालय भी बनाए गये हैं। मंदिर के बाहर तथा भीतर की ओर कुल 1100 मूर्तियों की स्थापित की गई है। मंदिर का निर्माण सुरक्षा और सुविधा दोनों को ध्यान में रख कर किया गया है। मंदिर की पूजा-अर्चना का कार्य उड़ीसा से आए ब्राह्मणों के द्वारा 6 आरतियों के साथ किया जा रहा है।
प्रत्येक पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण कथा तथा उसके उपरान्त भोग प्रसाद स्वरूप खीर का वितरण किया जाता है। मंदिर समिति मासिक रुद्राभिषेक का आयोजन भी करती है। मंदिर में समय-समय पर सुंदर कांड पाठ, हेल्थ चैकप कैंप तथा योग कैंप लगाए जाते हैं। नई साल के प्रथम रविवार को सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाता है। मंदिर में किसी भी प्रकार की पूजा के लिए बुकिंग की व्यवस्था है। जगन्नाथ धाम उड़ीसा की तरह ही रोहिणी मंदिर में सूखे/खाजा भोग को बनवाने की भी व्यवस्था है।
24 February 2023
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव।
26 November 2017
नये मंदिर की स्थापना पूजा।
5 April 2015
मंदिर की कलश स्थापना।
25 May 2012
डीडीए की जमीन पर जगन्नाथ जी की स्थापना।
27 November 2011
वर्तमान स्थान का भूमिपूजन, जिसे डीडीए द्वारा प्रदान किया गया है।
26 Jun 2006
मूर्ति स्थापन और मंदिर का प्रारंभ।
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