इस्कॉन मंदिर कोलंबस, ओहियो, कोलंबस में कृष्ण भक्तों के लिए प्रमुख स्थानों में से एक है। यह एक ऐसा धार्मिक स्थल है जहाँ सभी का स्वागत किया जाता है। इस्कॉन मंदिर कोलंबस श्री कृष्ण से जुड़ा है, उनकी भक्ति में बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
इस्कॉन मंदिर आस्था और हिंदू संस्कृति का अनूठा संगम है। इस्कॉन को श्री कृष्ण की भक्ति को पूरी दुनिया में प्रचारित करने और फैलाने के लिए जाना जाता है। भगवान श्री कृष्ण के संदेश को पूरी दुनिया में फैलाने के लिए इस मंदिर की स्थापना की गई है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनेस या इस्कॉन को हरे कृष्ण आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है। इसकी शुरुआत भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने 1966 में न्यूयॉर्क शहर में की थी। देश-विदेश में इसके कई मंदिर और स्कूल हैं।
मंदिर परिसर:
यह एक खूबसूरत जगह है और इस्कॉन कोलंबस मंदिर का रास्ता भी अद्भुत है। मंदिर परिसर में कुछ सफेद और नीले रंग के मोर भी हैं। रविवार के भोज का कार्यक्रम बहुत अच्छा है और वे स्वादिष्ट प्रसादम भोजन परोसते हैं। इस्कॉन मंदिर कोलंबस सभी वैष्णव त्योहारों को बहुत अच्छी तरह से मनाता है और मंदिर का वातावरण बहुत दोस्ताना और स्वागत करने वाला है। बैठने और प्रार्थना करने के लिए एक आनंदमय स्थान है, और पढ़ने के लिए महान पुस्तकें हैं जैसे कि भगवद गीता।
यहां विश्वासियों को चार सरल नियमों का पालन करना होता है - धर्म के चार स्तंभ - तप, शौच, दया और सत्य।
प्रमुख त्यौहार:
जन्माष्टमी त्योहार, होली, रथ यात्रा यहां मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार हैं ।
इस्कॉन कोलंबस मंदिर दर्शन समय:
सुबह 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
सोमवार-शनिवार: दर्शन दोपहर 1:00 बजे से शाम 4.00 बजे तक बंद रहेंगे।
इस्कॉन से जुड़े लोग आज दुनियाभर में मौजूद हैं। इस्कॉन मंदिर लगभग हर बड़े शहर में पाए जाते हैं। दुनिया भर में इसके अनुयायी राम और कृष्ण के भजन और कीर्तन गाते हुए मिल जाएंगे। इस्कॉन मंदिर से जुड़े लोगों का सबसे बड़ा मंत्र है:
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे,
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
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