हनुमान गढ़ी मंदिर 10वीं शताब्दी का एक हिंदू मंदिर है जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या शहर में स्थित है। हनुमान गढ़ी मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है जो राम जन्मभूमि के पास स्थित है। अयोध्या के मध्य में स्थित, 76 सीढ़ियाँ हनुमानगढ़ी तक जाती हैं, जो उत्तर भारत में भगवान हनुमान के सबसे लोकप्रिय मंदिर परिसरों में से एक है। परंपरा है कि राम मंदिर जाने से पहले सबसे पहले हनुमान मंदिर के दर्शन करने चाहिए।
हनुमान गढ़ी मंदिर का इतिहास और वास्तुकला:
यह वही मंदिर है जिसे भगवान राम ने लंका से लौटने के बाद अपने प्रिय भक्त हनुमान को रहने के लिए दिया था। इस मंदिर की सभी दीवारों पर हनुमान चालीसा और चौपाइयां लिखी हुई हैं। मंदिर में हनुमान की माता अंजनी रहती हैं, जिनकी गोद में युवा हनुमान जी बैठे हैं।
इस मंदिर की एक खासियत यह है कि यहां लंका विजय के बाद लाए गए अवशेष भी रखे गए हैं। मंदिर में एक विशेष 'हनुमान निशान' है, जो लगभग चार मीटर चौड़ा और आठ मीटर लंबा ध्वज है। मान्यता के अनुसार, हर पूजा से पहले हनुमान निशान को राम जन्मभूमि स्थान पर ले जाया जाता है। जहां सबसे पहले इसकी पूजा की जाती है. 200 लोग मिलकर इस निशान को राम जन्मभूमि तक ले जाते हैं।
हनुमान गढ़ी मंदिर दर्शन का समय:
मंदिर पूरे सप्ताह के लिए खुलता है, कपाट सुबह 4 बजे खुलते हैं और रात 10 बजे बंद हो जाते हैं।
आरती: सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में सुबह 6:00 बजे आरती होती है, दोपहर 1:30 बजे आरती होती है ।
हनुमान गढ़ी मंदिर प्रमुख त्यौहार:
राम नवमी, दिवाली और छोटी दिवाली पर भगवान हनुमान का जन्मदिन मंदिर में मनाए जाने वाले मुख्य त्यौहार हैं। छोटी दिवाली पर भगवान हनुमान का जन्मदिन आधी रात को मनाया जाता है। अयोध्या के सभी लोग हनुमान मंदिर में इन त्योहारों को खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि कोई भक्त इस मंदिर में हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाता है, तो उसे सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिल जाती है। यहां मुख्य मंदिर में बाल हनुमान के साथ अंजनी माता की मूर्ति भी है।
हनुमान गढ़ी मंदिर तक कैसे पहुँचें:
अयोध्या शहर सड़क मार्ग और रेलवे मार्ग द्वारा सभी शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जिससे श्रद्धालु आसानी से इस स्थान तक पहुंच सकते हैं।
Temple View
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