गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा (पंजाबी: ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਸਿੰਘ ਸਭਾ) की स्थापना नोएडा मे निवास करने वाले गुरु भक्तों ने की थी। गुरुद्वारा साहिब की संरचना कमल के बाहरी पंखुड़ियों की तरह प्रतीत होती है, जोकि गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब उत्तराखंड की बाह्य संरचना से प्रेरित होकर बनाई गई है।
नोएडा के श्री गुरु भक्तों ने मिलकर इस गुरुद्वारे की आधारशिला से लेकर निर्माण कार्य तक का सहयोग किया है। इन्हीं कारणों से इसे श्री गुरुसिंह सभा कहा जाता है, अर्थात भक्तों के समूह द्वारा गुरु की प्रेरणा से, श्री गुरु जी महाराज की सेवा के लिए किया गया कार्य।
गुरु साहिब का यह आध्यात्मिक एवं धार्मिक केंद्र नोएडा के चार सबसे प्रसिद्ध मॉल के बीच स्थित है। इन सब के बीच, गुरुद्वारे में निःशुल्क संगीत सिखाया जाता है, जिसके अंतर्गत कीर्तन, शास्त्रीय, स्वर, दिलरुबा एवं तबला सिखाया जाता है। साथ ही साथ गुरुद्वारे में पगड़ी बांधने की कक्षाएं भी उपलब्ध हैं। सेंटर स्टेज मॉल के निकट नव निर्मित मल्टीलेवल पार्किंग को भी आरंभ कर दिया गया है।
गुरुद्वारा (पंजाबी: ਗੁਰਦੁਆਰਾ) meaning the doorway to the Guru, the house of Holy Guru Granth Sahib Ji, is a place of worship. It is a place to meditate, to offer prayers to the almighty - Akal Purakh who runs this whole universe. It is a place where weary travellers and pilgrims may rest and eat. There are no idols, statues, or religious pictures in a Gurudwara, but the essential feature of a gurdwara is the presiding presence of the holy book, the Guru Granth Sahib.
Visitors remove their shoes, wash their hands and cover their head with a cloth before entering the Gurudwara Sahib. All are forbidden to go into the Gurudwara Sahib while they are inebriated or possess alcohol, cigarettes or any intoxicating substances.
The best part is the LCD screen that helps youngsters to understand instructions and Gurubaani.
Night view of Gurudwara with Gurubaani. Gurudwara is open to everyone. Every human being is welcomed in Gurudwara Sahib to get the blessings of almighty.
Gurudwara can be identified from a distance by tall flagpole bearing the Nishan Sahib. It means this place have facility of food and vishram gharh.
Nishan Sahib is taken down every Baisakhi, and replaced with a fresh flag and the flagpole refurbished.
A synonymous term is Jhanda Sahib (jhandd also meaning a flag), made out of saffron coloured, occasionally out of blue coloured, cloth is triangular in shape. Comprising a khandd (two edged sword) and chakra (an edged circular weapon, a disc or quoit) and two kirpdns which cross each other at the handles, with the blades flanking the chakra.
Van for charitable purpose by Gurudwara
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