चंडिका देवी मंदिर, हिंदू देवी चंडिका माई को समर्पित है जिन्हें काली के नाम से भी जाना जाता है। यह पवित्र तीर्थस्थल उत्तराखंड के बागेश्वर जिले से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप सीधे मंदिर तक गाड़ी से भी जा सकते हैं। यह अद्भुत दृश्यों से घिरा हुआ है और इस मंदिर का स्थान सरयू और गोमती नदी के संगम के ठीक पास है। दुनिया भर से हजारों भक्त इस स्थान पर प्रार्थना करने और देवी का आशीर्वाद लेने आते हैं।
चंडिका मंदिर, बागेश्वर के इतिहास और वास्तुकला
यह मंदिर पहाड़ियों के ऊपर स्थित है और बाघ नाथ मंदिर के ठीक सामने स्थित है। माना जाता है कि चंडिका मंदिर की स्थापना 1680 में आचार्य राम पांडे ने की थी और आज भी उनके वंशज इस मंदिर के पुजारी हैं। इस मंदिर से जुड़ा अनेक समृद्ध इतिहास और किंवदंतियाँ हैं।
चंडिका मंदिर, बागेश्वर के दर्शन का समय:
चंडिका मंदिर, बागेश्वर पूरे सप्ताह खुला रहता है और दर्शन का समय सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक है। प्रतिदिन सुबह 5:30 बजे मंगला आरती और रात 8:30 बजे संध्या आरती होती है।
चंडिका मंदिर, बागेश्वर के प्रमुख त्यौहार
बागेश्वर में चंडिका मंदिर लोगों के जीवन में एक धार्मिक महत्व रखता है। इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। स्थानीय लोग चंडिका देवी मंदिर का सम्मान करते हैं और इसकी दैनिक पूजा करते हैं।
चंडिका मंदिर तक कैसे पहुँचें?
बागेश्वर में चंडिका मंदिर प्रसिद्ध बागनाथ मंदिर के पास स्थित है। यह प्रतिष्ठित मंदिर बागेश्वर शहर से केवल 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पर्यटक और श्रद्धालु नैनीताल के रास्ते बागेश्वर पहुँच सकते हैं। बागेश्वर में चंडिका मंदिर तक पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है, जो बागेश्वर से लगभग 154 किमी दूर है। बागेश्वर शहर से एक छोटा और आसान ट्रेक आपको चंडिका मंदिर तक ले जाएगा क्योंकि मंदिर एक पहाड़ी के ऊपर स्थित स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
Maa Santoshi Aur Hanuman Mandir
Uttarakhandi Painting
5 AM - 9 PM
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