शांतिपूर्ण, स्वच्छ, हरा-भरा, आध्यात्मिक ओज से परिपूर्ण, धार्मिक गतिविधियों से समृद्ध कानपुर शहर के मध्य स्थित इस क्षेत्र मे सन् 1960 से ही श्री राधारानी एवं भगवान श्री कृष्ण अपने विग्रह रूप मे श्री राधा कृष्ण मंदिर मे विद्धमान हैं। जबकि मंदिर की प्रथम शिला जुलाई 1941 मे ही रख दी गई थी, परंतु मंदिर को पूर्ण होने मे सन् 1941 से 1960 तक का समय लगा।
जे.के. बिरला ग्रुप के अन्य मंदिरों की ही तरह, यह मंदिर भी उसी श्रंखला का उच्चतम प्रतिरूप है। अतः विरला समूह द्वारा स्थापित अन्य मंदिरों की ही तरह, यह मंदिर भी कारपुर शहर मे बिरला मंदिर के नाम से ही प्रसिद्ध है।
मंदिर के कर्मचारी समय-समय पर खुलने/बंद होने और अन्य प्रतिभूतियों की जाँच का सख्ती से पालन करते हैं, प्रतिभूतियों के निर्देशों के अनुसार, मंदिर के प्रार्थना मंडप में मोबाइल फोन, कैमरा, लेडी हैंग बैग एवं हथियार रखने की अनुमति नहीं है।
A Forunt View: The temple has five shrines dedicated to Lord Shri Radha-Krishna
The major maintenance expenses of the temple come from the JK Birla Trust fund.
There is park, fountain and beautiful lake near the temple which looks wonderful at night when lights are on
Back Side View: A sprlicking, magnificent pure white shining with full of evening sun bath
Temple Footpath
31 July 1941
गुरुवार, मंदिर की नींव रखी गई।
2 May 1960
श्री राधा कृष्ण मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव।
22 April 1961
श्री हनुमंत धाम की प्राण-प्रतिष्ठा।
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