कुरूक्षेत्र का भद्रकाली मंदिर माता काली को समर्पित है। हरियाणा के कुरूक्षेत्र में झांसा रोड पर स्थित है। यह शक्तिपीठ देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है। भद्रकाली शक्ति पीठ सावत्री पीठ के नाम से भी प्रसिद्ध है। यह ऐतिहासिक मंदिर हरियाणा का एकमात्र सिद्ध शक्तिपीठ है, जहां माता भद्रकाली शक्ति के रूप में विद्यमान हैं।
भद्रकाली मंदिर कुरूक्षेत्र का इतिहास और वास्तुकला
यहां मां भद्रकाली की सुंदर प्रतिमा शांत मुद्रा में विराजमान है। प्रतिदिन हजारों भक्त देवी भद्रकाली की पूजा और दर्शन करते हैं। मंदिर के बाहर एक देवी तालाब है। तालाब के एक छोर पर तक्षेश्वर महादेव मंदिर है।
भद्रकाली मंदिर में देवी काली की मूर्ति स्थापित है और मंदिर में प्रवेश करते ही एक बड़ा कमल का फूल बनाया गया है, जिसमें माता सती के दाहिने पैर का टखना स्थापित है जो सफेद संगमरमर से बना है। सरस्वती नदी के प्राचीन तट पर स्थित इस तीर्थ के निकट अनेक पुरातात्विक संस्कृतियों के भण्डार मिले हैं, जिससे इस तीर्थ की प्राचीनता सिद्ध होती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रकाली शक्तिपीठ में देवी सती के दाहिने पैर का टखना (घुटने के नीचे का भाग) गिरा था। इसका महत्व तब और बढ़ जाता है जब इसमें श्री कृष्ण का जिक्र शामिल हो जाता है। कहा जाता है कि भद्रकाली शक्तिपीठ में ही श्रीकृष्ण और बलराम का मुंडन हुआ था। आज भी यह प्रथा जारी है। आज भी देश के कई हिस्सों से अनेक श्रद्धालु इस पवित्र पीठ पर अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराते हैं।
यह भी माना जाता है कि महाभारत काल में श्री कृष्ण पांडवों के साथ इस मंदिर में आए थे। उन्होंने मां भद्रकाली से जीत की मन्नत मांगी थी। युद्ध जीतने के बाद पांडवों ने मंदिर में आकर घोड़े दान किये थे, तभी से यह घोड़े दान का परंपरा चली आ रही है।
भद्रकाली मंदिर दर्शन का समय
मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है और मंदिर में दर्शन का समय सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक है।
भद्रकाली मंदिर कुरूक्षेत्र के प्रमुख त्यौहार
नवरात्रि के दौरान शक्तिपीठों के दर्शन का विशेष महत्व है। हर साल चैत्र और आश्विन की नवरात्रि के दौरान मंदिर में मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें हरियाणा और देश के कई अन्य हिस्सों से भक्त देवी भद्रकाली की पूजा करने आते हैं और पुण्य के भागी बनते हैं। रक्षाबंधन के दिन भक्त अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी देवी मां को सौंपते हैं और रक्षा सूत्र बांधते हैं। माना जाता है कि इससे उनकी रक्षा होती है।
भद्रकाली मंदिर, कुरूक्षेत्र कैसे पहुँचें?
भद्रकाली मंदिर कुरूक्षेत्र जिले के थानेसर शहर में झांसा रोड पर स्थित है। यह स्थान सड़क मार्ग द्वारा अन्य शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। कुरूक्षेत्र में कुरूक्षेत्र जंक्शन निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो मंदिर से लगभग 3 किमी दूर है और चंडीगढ़ हवाई अड्डा मंदिर से लगभग 92 किमी दूर है।
Maa Bhadrakali
Main Temple
6 AM - 8 PM
प्रातः कालीन महाआरती
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