Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel
Hanuman Chalisa - Hanuman ChalisaDownload APP Now - Download APP NowAditya Hridaya Stotra - Aditya Hridaya StotraFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

नर्मदेश्वर शिवलिंग बने की पौराणिक कथा (Narmadeshwar Shivling Banane Ki Pauranik Katha)


नर्मदेश्वर शिवलिंग बने की पौराणिक कथा
Add To Favorites Change Font Size
भगवान शिव की पूजा के लिए शिवलिंग की पूजा करने का प्रावधान है, शिवलिंग के भी विभिन्न प्रकार हैं जैसे - स्वयंभू शिवलिंग, नर्मदेश्वर शिवलिंग, जनेउधारी शिवलिंग, पारद शिवलिंग, सोने एवं चांदी के शिवलिंग। इनमें से नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा को सर्वश्रेष्ठ फलदायी माना गया है। नर्मदेश्वर शिवलिंग कैसे बनते हैं और कहाँ मिलते हैं, इस सवाल के जबाब के लिए यह पौराणिक कथा बिल्कुल उपयुक्त है।
नर्मदा का प्रत्येक पत्थर शिवलिंग:
पौराणिक काल में एक बार नर्मदा जी ने अत्यधिक कठोर तपस्या करके भगवान परमपिता ब्रह्मा को प्रसन्न किया। ब्रह्मा जी ने प्रकट होकर नर्मदाजी से वरदान मांगने को कहा।
नर्मदाजी ने परमपिता ब्रह्मा जी से कहा - हे भगवन! यदि आप मेरी तपस्या से संतुष्ट हैं और आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो मुझे गंगा जी के समान होने का वरदान दीजिए।

नर्मदा जी की बात सुनकर ब्रह्मा जी बोले - अगर कोई अन्य देवता भगवान शिव की बराबरी कर ले अथवा कोई अन्य पुरुष भगवान श्रीहरि विष्णु के समान हो जाए। तथा कोई दूसरी नारी पार्वती जी की समानता कर ले और कोई दूसरी नगरी काशीपुरी की बराबरी कर सके तो कोई दूसरी नदी भी गंगा के समान हो सकती है।

ब्रह्म वाक्य सुनकर नर्मदा जी काशी चली गयीं और वहाँ पिलपिलातीर्थ में शिवलिंग की स्थापना करके तपस्या करने लगीं। भगवान शिव नर्मदा जी पर बहुत प्रसन्न हुए और उनके समक्ष प्रकट होकर वरदान मांगने के लिए कहा।

नर्मदा जी ने भगवान शिव से कहा - हे भगवन्! मुझे आपके चरणकमलों की भक्ति चाहिए।
नर्मदा जी की इच्छा जानकर भगवान शिव प्रसन्न हुए और बोले - हे नर्मदे! तुम्हारे तट पर जितने भी पत्थर हैं, वे सब शिवलिंग रूप हो जाएंगे। गंगा में स्नान करने पर शीघ्र ही पाप का नाश होता है, यमुना सात दिन के स्नान से और सरस्वती तीन दिन के स्नान से सब पापों का नाश करती हैं परन्तु तुम्हारे दर्शनमात्र से सम्पूर्ण पापों का निवारण हो जाएगा।
तुमने जिस नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना की है, वह भविष्य में पुण्य और मोक्ष को प्रदान करने वाला होगा और ऐसा कहकर भगवान शिव उसी लिंग में विलीन हो गए। इसलिए ऐसा माना जाता है कि नर्मदा का हर कंकर शिव शंकर है।

❀ ऐसे ही प्राकृतिक और स्वयंभू शिवलिंगों में प्रसिद्ध नर्मदेश्वर पवित्र नर्मदा नदी के किनारे पाया जाने वाला एक विशेष गुणों वाला पाषाण ही नर्मदेश्वर शिवलिंग कहलाता है।
❀ नर्मदेश्वर शिव का ही एक रूप माना जाता है। इसकी विशेषता यह है कि यह प्राकृतिक रूप से ही बनता है।
❀ नर्मदेश्वर शिवलिंग भारत के मध्यप्रदेश एवं गुजरात राज्यों में नर्मदा नदी के तट पर ही पाए जाते हैं. नर्मदा भारतअन्य नदियों से विपरीत पूर्व से पश्चिम की ओर उलटी दिशा में बहती है।
❀ किसी भी अन्य पाषाण निर्मित शिवलिंग की अपेक्षा नर्मदेश्वर शिवलिंग में कहीं अधिक ऊर्जा समाहित रहती है।
❀ नर्मदा नदी से निकले शिवलिंग को सीधा ही स्थापित किया जा सकता है, इसके प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती है।
यह भी जानें

Katha Maa Narmada KathaNarmada KathaRewa KathaShivling KathaNarmadeshwar KathaNarmadeshwar Shivling Pauranik Katha

अगर आपको यह कथाएँ पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस कथाएँ को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

सकट चौथ पौराणिक व्रत कथा - राजा हरिश्चंद्र..

इस घटना के बाद कुम्हार डर गया और राजा के समक्ष पहुंच पूरी कहानी बताई। इसके पश्चात राजा ने बच्चे और उसकी मां को बुलवाया तो मां ने संकटों को दूर करने वाले सकट चौथ की महिमा..

सकट चौथ व्रत कथा: एक साहूकार और साहूकारनी

एक साहूकार और एक साहूकारनी थे। वह धर्म पुण्य को नहीं मानते थे। इसके कारण उनके कोई बच्चा नहीं था।..

सकट चौथ पौराणिक व्रत कथा - श्री महादेवजी पार्वती

एक बार महादेवजी पार्वती सहित नर्मदा के तट पर गए। वहाँ एक सुंदर स्थान पर पार्वतीजी ने महादेवजी के साथ चौपड़ खेलने की इच्छा व्यक्त की..

अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा | बृहस्पतिदेव की कथा

भारतवर्ष में एक राजा राज्य करता था वह बड़ा प्रतापी और दानी था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्‌मणों...

श्री भीमशंकर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

भीमशंकर ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिवपुराण में मिलता है। शिवपुराण में कहा गया है, कि पुराने समय में भीम नाम का एक राक्षस था। वह राक्षस कुंभकर्ण का पुत्र था।

षटतिला एकादशी व्रत कथा

पौष पुत्रदा एकादशी के उपरांत, माघ माह के कृष्ण पक्ष मे आने वाली इस एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है। इस व्रत के करने से अनेक प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं।

मंगलवार व्रत कथा

सर्वसुख, राजसम्मान तथा पुत्र-प्राप्ति के लिए मंगलवार व्रत रखना शुभ माना जाता है। पढ़े हनुमान जी से जुड़ी मंगलवार व्रत कथा...

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Durga Chalisa - Durga Chalisa
×
Bhakti Bharat APP