Download Bhakti Bharat APP
Subscribe BhaktiBharat YouTube Channel - Subscribe BhaktiBharat YouTube ChannelHanuman Chalisa - Hanuman ChalisaDownload APP Now - Download APP NowFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 20 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 20)


कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 20
Add To Favorites Change Font Size
माँ शारदा की प्रेरणा,
स्वयं सहाय ।
कार्तिक माहात्म का लिखूं,
यह बीसवाँ अध्याय ॥
अब राजा पृथु ने पूछा - हे देवर्षि नारद! इसके बाद युद्ध में क्या हुआ तथा वह दैत्य जलन्धर किस प्रकार मारा गया, कृपया मुझे वह कथा सुनाइए। नारद जी बोले – जब गिरिजा वहां से अदृश्य हो गईं और गन्धर्वी माया भी विलीन हो गई तब भगवान वृषभध्वज चैतन्य हो गये। उन्होंने लौकिकता व्यक्त करते हुए बड़ा क्रोध किया और विस्मितमना जलन्धर से युद्ध करने लगे। जलन्धर शंकर के बाणों को काटने लगा परन्तु जब काट न सका तब उसने उन्हें मोहित करने के लिए माया की पार्वती का निर्माण कर अपने रथ पर बाँध लिया तब अपनी प्रिया पार्वती को इस प्रकार कष्ट में पड़ा देख लौकिक-लीला दिखाते हुए शंकर जी व्याकुल हो गये।
शंकर जी ने भयंकर रौद्र रूप धारण कर लिया। अब उनके रौद्र रूप को देख कोई भी दैत्य उनके सामने खड़ा होने में समर्थ न हो सका और सब भागने-छिपने लगे। यहाँ तक कि शुम्भ-निशुम्भ भी समर्थ न हो सके। शिवजी ने उन शुम्भ-निशुम्भ को शाप देकर बड़ा धिक्कारा और कहा – तुम दोनो ने मेरा बड़ा अपराध किया है। तुम युद्ध से भागते हो, भागते को मारना पाप है। इससे मैं तुम्हें अब नहीं मारूंगा परन्तु गौरी तुमको अवश्य मारेगी।

शिवजी के ऎसा कहने पर सागर पुत्र जलन्धर क्रोध से अग्नि के समान प्रज्वलित हो उठा। उसने शिवजी पर घोर बाण बरसाकर धरती पर अन्धकार कर दिया तब उस दैत्य की ऎसी चेष्टा देखकर शंकर जी बड़े क्रोधित हुए तथा उन्होंने अपने चरणांगुष्ठ से बनाये हुए सुदर्शन चक्र को चलाकर उसका सिर काट लिया। एक प्रचण्ड शब्द के साथ उसका सिर पृथ्वी पर गिर पड़ा और अंजन पर्वत के समान उसके शरीर के दो खण्ड हो गये। उसके रुधिर से संग्राम-भूमि व्याप्त हो गई।

शिवाज्ञा से उसका रक्त और मांस महारौरव में जाकर रक्त का कुण्ड हो गया तथा उसके शरीर का तेज निकलकर शंकर जी में वैसे ही प्रवेश कर गया जैसे वृन्दा का तेज गौरी के शरीर में प्रविष्ट हुआ था। जलन्धर को मरा देख देवता और सब गन्धर्व प्रसन्न हो गये। माँ शारदा की प्रेरणा, स्वयं सहाय।
यह भी जानें

Katha Kartik Mas KathaKartik KathaKartik Month KathaKrishna KathaShri Hari KathaShri Vishnu KathaISKCON Katha

अगर आपको यह कथाएँ पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस कथाएँ को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

रोहिणी शकट भेदन, दशरथ रचित शनि स्तोत्र कथा

प्राचीन काल में दशरथ नामक प्रसिद्ध चक्रवती राजा हुए थे। राजा के कार्य से राज्य की प्रजा सुखी जीवन यापन कर रही थी...

शुक्रवार संतोषी माता व्रत कथा

संतोषी माता व्रत कथा | सातवें बेटे का परदेश जाना | परदेश मे नौकरी | पति की अनुपस्थिति में अत्याचार | संतोषी माता का व्रत | संतोषी माता व्रत विधि | माँ संतोषी का दर्शन | शुक्रवार व्रत में भूल | माँ संतोषी से माँगी माफी | शुक्रवार व्रत का उद्यापन

अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा | बृहस्पतिदेव की कथा

भारतवर्ष में एक राजा राज्य करता था वह बड़ा प्रतापी और दानी था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्‌मणों...

वरुथिनी एकादशी व्रत कथा

भगवान श्रीकृष्ण ने कहा: हे राजेश्वर! वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।..

मंगलवार व्रत कथा

सर्वसुख, राजसम्मान तथा पुत्र-प्राप्ति के लिए मंगलवार व्रत रखना शुभ माना जाता है। पढ़े हनुमान जी से जुड़ी मंगलवार व्रत कथा...

सोमवार व्रत कथा

किसी नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। दूर-दूर तक उसका व्यापार फैला हुआ था। नगर के सभी लोग उस व्यापारी का सम्मान करते थे..

नर्मदेश्वर शिवलिंग बने की पौराणिक कथा

नर्मदेश्वर शिवलिंग कैसे बनते हैं और कहाँ मिलते हैं, इस सवाल के जबाब के लिए यह पौराणिक कथा बिल्कुल उपयुक्त है। नर्मदा का प्रत्येक पत्थर शिवलिंग..

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Aditya Hridaya Stotra - Aditya Hridaya Stotra
Durga Chalisa - Durga Chalisa
Subscribe BhaktiBharat YouTube Channel - Subscribe BhaktiBharat YouTube Channel
×
Bhakti Bharat APP