Download Bhakti Bharat APP
Hanuman Chalisa - Hanuman ChalisaDownload APP Now - Download APP NowAditya Hridaya Stotra - Aditya Hridaya StotraFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 12 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 12)


कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 12
Add To Favorites Change Font Size
नारद जी ने कहा: तब इन्द्रादिक देवता वहाँ से भय-कम्पित होकर भागते-भागते बैकुण्ठ में विष्णु जी के पास पहुंचे। देवताओं ने अपनी रक्षा के लिए उनकी स्तुति की। देवताओं की उस दीन वाणी को सुनकर करुणा सागर भगवान विष्णु ने उनसे कहा कि हे देवताओं! तुम भय को त्याग दो। मैं युद्ध में शीघ्र ही जलन्धर को देखूंगा।
ऐसा कहते ही भगवान गरुड़ पर जा बैठे तब समुद्र-तनया लक्ष्मी जी ने कहा कि हे नाथ! यदि मैं सर्वदा आपकी प्रिया और भक्ता हूँ तो मेरा भाई आप द्वारा युद्ध में नहीं मारा जाना चाहिए।

इस पर विष्णु जी ने कहा: अच्छा, यदि तुम्हारी ऐसी ही प्रीति है तो मैं उसे अपने हाथों से नहीं मारूंगा परन्तु युद्ध में अवश्य जाऊँगा क्योंकि देवताओं ने मेरी बड़ी स्तुति की है।

ऐसा कह भगवान विष्णु युद्ध के उस स्थान में जा पहुंचे जहाँ जलन्धर विद्यमान था। जलन्धर और विष्णु का घोर युद्ध हुआ। विष्णु के तेज से कम्पित देवता सिंहनाद करने लगे फिर तो अरुण के अनुज गरुड़ के पंखों की प्रबल वायु से पीड़ित हो दैत्य इस प्रकार घूमने लगे जैसे आँधी से बादल आकाश में घूमते हैं तब अपने वीर दैत्यों को पीड़ित होते देखकर जलन्धर ने क्रुद्ध हो विष्णु जी को उद्धत वचन कहकर उन पर कठोर आक्रमण कर दिया।
यह भी जानें

Katha Kartik Mas KathaKartik KathaKartik Month KathaKrishna KathaShri Hari KathaShri Vishnu KathaISKCON Katha

अगर आपको यह कथाएँ पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस कथाएँ को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

शुक्रवार संतोषी माता व्रत कथा

संतोषी माता व्रत कथा | सातवें बेटे का परदेश जाना | परदेश मे नौकरी | पति की अनुपस्थिति में अत्याचार | संतोषी माता का व्रत | संतोषी माता व्रत विधि | माँ संतोषी का दर्शन | शुक्रवार व्रत में भूल | माँ संतोषी से माँगी माफी | शुक्रवार व्रत का उद्यापन

अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा | बृहस्पतिदेव की कथा

भारतवर्ष में एक राजा राज्य करता था वह बड़ा प्रतापी और दानी था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्‌मणों...

हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा!

पुराणों में हरनंदी के निकट हिरण्यगर्भ ज्योतिर्लिंग का वर्णन मिलता है। हरनंदी,हरनद अथवा हिरण्यदा ब्रह्मा जी की पुत्री है...

षटतिला एकादशी व्रत कथा

पौष पुत्रदा एकादशी के उपरांत, माघ माह के कृष्ण पक्ष मे आने वाली इस एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है। इस व्रत के करने से अनेक प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं।

मंगलवार व्रत कथा

सर्वसुख, राजसम्मान तथा पुत्र-प्राप्ति के लिए मंगलवार व्रत रखना शुभ माना जाता है। पढ़े हनुमान जी से जुड़ी मंगलवार व्रत कथा...

सोमवार व्रत कथा

किसी नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। दूर-दूर तक उसका व्यापार फैला हुआ था। नगर के सभी लोग उस व्यापारी का सम्मान करते थे..

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

कोटि रुद्र संहिता के अनुसार कथा | कोटि रुद्र संहिता के अनुसार कथा | बैजू नामक चरवाहे की कथा | रावणोश्वर बैद्यनाथ कथा

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Durga Chalisa - Durga Chalisa
×
Bhakti Bharat APP