आश्विन कृष्ण एकादशी का नाम इंदिरा एकादशी है। यह एकादशी पापों को नष्ट करने वाली तथा पितरों को अधोगति से मुक्ति देने वाली होती है।
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पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक गरुड़ और एक मादा लोमड़ी नर्मदा नदी के पास एक जंगल में रहते थे।
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हनुमान गाथा के विस्तार पूर्वक चार चरणों मे - हनुमान जन्म, बाल हनुमान, श्री राम मिलन, लंका आगमन, सीता की खोज
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आश्विन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा
आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी को श्रीकृष्ण तथा बाणासुर की इस कथा के अनुसार एक समय की बात है बाणासुर की कन्या उषा ने सुषुप्तावस्था में अनिरुद्ध का स्वप्न देखा..
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एक बार महाराज युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ किया। उस समय यज्ञ मंडप का निर्माण सुंदर तो था ही। श्रीकृष्ण की आज्ञा से युधिष्ठिर ने भी अनंत भगवान का व्रत किया जिसके प्रभाव से पांडव...
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पार्श्व / परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा
युधिष्ठिर ने कहा हे भगवान! आपने भाद्रपद कृष्ण एकादशी अर्थात अजा एकादशी का सविस्तार वर्णन सुनाया। अब आप कृपा करके मुझे भाद्रपद शुक्ल एकादशी का क्या नाम, इसकी विधि तथा इसका माहात्म्य कहिए।
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वीर तेजाजी लोकदेवता, कृषि कार्यो के उपकारक देवता, प्रणवीर, युद्धवीर, सत्यवीर, परमार्थी, वीर शिरोमणि थे।
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हाथी का शीश ही क्यों श्रीगणेश के लगा?
गज और असुर के संयोग से एक असुर जन्मा था, गजासुर। उसका मुख गज जैसा होने के कारण उसे गजासुर कहा जाने लगा। गजासुर शिवजी का बड़ा भक्त था..
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विदर्भ देश में उत्तंक नामक एक सदाचारी ब्राह्मण देव रहते थे। उनकी पत्नी बड़ी पतिव्रता थी, जिसका नाम सुशीला था। उन ब्राह्मण के एक पुत्र तथा एक पुत्री दो संतान थी।
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कथा के अनुसार मां पार्वती ने अपने पूर्व जन्म में भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए हिमालय पर गंगा के तट पर अपनी बाल्यावस्था में अधोमुखी होकर घोर तप किया।
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एकलव्य द्वार द्रोणाचार्य को गुरुदक्षिणा में अंगुठा देने की पौराणिक कथा
माना जाता है कि निषादराज हिरण्यधनु के पुत्र एकलव्य धनुर्विद्या सीखने के लिए संसार के श्रेष्ठ धनुर्धर गुरू द्रोणाचार्य के पास गये परन्तु गुरू द्रोणाचार्य ने एकलव्य को निषाद पुत्र जानकर धनुर्विद्या सीखाने से इनकार कर दिया था
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अब आप कृपा करके मुझे भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के विषय में भी बतलाइये। इस एकादशी का क्या नाम है तथा इसके व्रत का क्या विधान है? इसका व्रत करने से किस फल की प्राप्ति होती है?
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महाप्रभु जगन्नाथ को कलियुग का भगवान भी कहते है. पुरी (उड़ीसा) में जग्गनाथ स्वामी अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ निवास करते है.मगर रहस्य ऐसे है कि आजतक कोई न जान पाया हर 12 साल में महाप्रभु की मूर्ती को बदला जाता है
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प्रेरक कथा: श्री कृष्ण मोर से, तेरा पंख सदैव मेरे शीश पर होगा!
जब कृष्ण जी ने ये सुना तो भागते हुए आये और उन्होंने भी मोर को प्रेम से गले लगा लिया और बोले हे मोर, तू कहा से आया हैं।...
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भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा
पूर्वकाल में राजाओं में श्रेष्ठ राजा नल था उसकी रूपवती रानी का नाम दमयन्ती था। शाप वश राजा नल को राज्यच्युत खोना पड़ा और रानी के वियोग से कष्ट सहना पड़ा।...
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