सुदर्शन चक्र जयंती भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र चक्र ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। सुदर्शन चक्र जयंती शुक्ल पक्ष की आषाढ़ दशमी को मनाई जाती है। इस बर्ष सुदर्शन जयंती 16 जुलाई 2024 की तारीख को मनाई जाएगी। कहा जाता है कि सुदर्शन चक्र की पूजा करना विष्णु के सभी दस अवतारों की पूजा करने के बराबर है। दक्षिण भारत में कई वैष्णव संप्रदायों के लिए इस दिन का बहुत महत्व है।
यह सुदर्शन चक्र क्या है?
सुदर्शन चक्र भगवान के सर्वोच्च व्यक्तित्व की झलक है जिसके द्वारा वे संपूर्ण भौतिक संसार का निर्माण करते हैं। सुदर्शन चक्र, जो सृष्टि का मूल है और भगवान को सबसे प्रिय है, जिस में हजारों तीलियाँ हैं। यह सुदर्शन चक्र दुनियाँ के सबसे घातक ब्रह्मास्त्र से भी श्रेष्ठ शस्त्र है। यह अंधकार का नाशक, और भक्ति सेवा के कौशल का प्रकटीकरण है। यह धार्मिक सिद्धांतों की स्थापना का साधन है, और यह सभी अधार्मिक गतिविधियों का नाशक है। उनकी दया के बिना, ब्रह्मांड को बनाए नहीं रखा जा सकता है, और इसलिए सुदर्शन चक्र को भगवान के सर्वोच्च व्यक्तित्व द्वारा नियोजित किया जाता है।
पुरी जगन्नाथ मंदिर में भक्त भगवान की चलंती प्रतिमा के रूप में सुदर्शन चक्र की पूजा करते हैं। हर त्योहार में एक अनुष्ठान होता है, जिसके अंतर्गत पुजारी द्वारा पहली पूजा सुदर्शन चक्र, उसके बाद दूसरे भगवान की पूजा होती है, वही बात रथ यात्रा में भी दोहराई जाती है। ऐसी मान्यता है कि सुदर्शन चक्र की पूजा करने से विभिन्न बीमारियों को ठीक करने में मदद होती है। मोक्ष प्राप्त करने और पापों के निवारण के लिए भी इसकी पूजा की जाती है।
सुदर्शन चक्र जयंती के दिन सुदर्शन यंत्र की पूजा की जाती है। चक्र को समर्पित अन्य विशेष पूजा और प्रार्थनाएं इस दिन घरों और मंदिरों में मनाई जाती हैं।
संबंधित अन्य नाम | सुदर्शन चक्र जयंती |
शुरुआत तिथि | आषाढ़ शुक्ल दशमी |
उत्सव विधि | Bhajan Kirtan, Tableau, Aarti |
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