Updated: Jan 02, 2025 07:21 AM |
बारें में | संबंधित जानकारियाँ | यह भी जानें
Shakmbhari Navratri Date: Sunday, 28 December 2025
शाकंभरी नवरात्रि जिसे बाणदा एकादशी के नाम से जाना जाता है, देवी दुर्गा के शाकंभरी अवतार को समर्पित एक प्रतिष्ठित उत्सव है, जो पोषण और स्वास्थ्य का प्रतीक है। यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के पौष महीने में मनाया जाता है। इसे पौष गुप्त नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। पौष शुक्ल अष्टमी से पौष पूर्णिमा तक मनाए जाने वाले इस त्योहार में देवी शाकंभरी के सम्मान में उपवास किया जाता है।
शाकंभरी नवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
माना जाता है कि दुर्गा सप्तशती के मूर्ति रहस्य में माता शाकंभरी का रंग नीला बताया गया है। माता की आंखें नीले कमल के समान हैं और वह कमल के फूल पर विराजमान रहती हैं। माता की एक मुट्ठी में कमल का फूल है और दूसरी मुट्ठी में तीर बताए गए हैं।
किंवदंती है कि भीषण सूखे और अकाल के दौरान, देवी दुर्गा ने पीड़ा को कम करने के लिए शाकंभरी के रूप में अवतार लिया। उन्होंने जीविका और आराम प्रदान किया, जिससे उन्हें स्वास्थ्य और पोषण से जुड़ी देवी का दर्जा प्राप्त हुआ।
संबंधित अन्य नाम | शाकंभरी नवरात्रि, बंदा एकादशी, पौष गुप्त नवरात्रि |
शुरुआत तिथि | पौष शुक्ल अष्टमी |
कारण | माता रानी |
उत्सव विधि | मंदिर में प्रार्थना, व्रत, घर में पूजा |
Celebrated from Paush Shukla Ashtami to Paush Purnima, in this festival, fasting is done in the honor of Devi Shakmbhari.
शाकंभरी नवरात्रि पूजा विधि
❀ शाकंभरी नवरात्रि पर भक्त व्रत रखते हैं और देवी दुर्गा की विशेष पूजा करते हैं।
❀ अनुष्ठान के अनुसार, पूजा स्थल को गंगाजल से साफ करें, मिठाई, फल, फूल चढ़ाएं और दुर्गा स्तोत्र का पाठ करें।
❀ दुर्गा के मंत्र का 108 बार पाठ करना उत्सव से जुड़ा एक प्रमुख रिवाज है।
शाकंभरी नवरात्रि पूजा का महत्व
ऐसा माना जाता है कि शाकंभरी नवरात्रि पर देवी दुर्गा से स्वास्थ्य और समस्याओं के समाधान के रूप में आशीर्वाद मिलता है। भक्तों को असीम खुशी और एक पूर्ण जीवन का अनुभव होता है। स्वस्थ और समृद्ध जीवन का आशीर्वाद पाने के लिए शाकंभरी नवरात्रि उत्साह के साथ मनाएं।
संबंधित जानकारियाँ
भविष्य के त्यौहार
3 January 202616 January 202722 January 2027
शुरुआत तिथि
पौष शुक्ल अष्टमी
समाप्ति तिथि
पौष पूर्णिमा
उत्सव विधि
मंदिर में प्रार्थना, व्रत, घर में पूजा
महत्वपूर्ण जगह
राजस्थान, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश
पिछले त्यौहार
13 January 2025, 7 January 2025, 25 January 2024, 18 January 2024
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