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☀️मित्र सप्तमी - Mitra Saptami

Mitra Saptami Date: Sunday, 8 December 2024
मित्र सप्तमी

मित्र सप्तमी के दिन भगवान श्रीहरि के अवतार सूर्य देव की उपसना की जाती है। मित्र, सूर्य देव के कई नामों में से एक है। तथा भानु सप्तमी एवं रथ सप्तमी की ही तहत अन्य हिंदू माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी भगवान सूर्य को समर्पित मानी जाती है। अतः मार्गशीर्ष माह की शुक्ला सप्तमी को मित्र सप्तमी मनाई जाती है।

मित्र सप्तमी के दिन पवित्र नदी में स्नान करते हुए भगवान सूर्य को जल समर्पित करते हुए आराधना करने की विशेष महत्ता है। सृष्टि में सकारात्मकता के देव सूर्यदेव को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है। मित्र सप्तमी के दिन भगवान सूर्य की आराधना करने से सभी सुख, नेत्र ज्योति एवं चर्म रोंगों से मुक्ति मिलती है।

* अर्घ्यदान: भगवान सूर्य के सामने मुँह करते हुए, नमस्कार मुद्रा में, मुड़े हुए हाथ से, छोटे कलश की सहयता से धीरे-धीरे जल चढ़ाते हैं।

शुरुआत तिथिमार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी
कारणसूर्यदेव की पूजा।
उत्सव विधिभगवान सूर्य की आराधना, नदी में स्नान, दान, भजन, कीर्तन।

Mitra Saptami in English

The incarnation of Lord Shri Hari Suryadev, is worshipped on Mitra Saptami. Mitra is one of the many names of the Bhagwan Surya.

मित्र सप्तमी पर कैसे करें पूजा?

❀ मित्र सप्तमी के दिन पवित्र नदियों में स्नान करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।
❀ मित्र सप्तमी के दिन व्रत रखें और केवल फल खाएं और नमक का सेवन बिल्कुल न करें।
❀ मित्र सप्तमी के दिन लाल चंदन की माला या रुद्राक्ष की माला से गायत्री मंत्र का जाप करने से मानसिक सुख, शांति और शारीरिक शक्ति मिलती है।
❀ उगते सूर्य को अर्घ्य देने और जल की गिरती धारा के बीच सूर्य देव के दर्शन करने से नेत्र रोग दूर होते हैं।
❀ मित्र सप्तमी के दिन सात घोड़ों पर बैठे सूर्य देव की तस्वीर या मूर्ति की पूजा करने से त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं।
❀ यदि कुंडली में सूर्य खराब स्थिति में है और सूर्य नीच राशि में स्थित है तो 10 किलो गेहूं में सवा किलो गुड़ मिलाकर किसी गरीब व्यक्ति को दान कर दें।
❀ इस दिन माथे और हृदय पर लाल चंदन का तिलक लगाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

मित्र सप्तमी करने के लाभ

मित्र सप्तमी के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है। इस व्रत को करने से आरोग्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है। इस दिन सूर्य की किरणों को अवश्य ग्रहण करना चाहिए। इस व्रत को करने से घर में धन की वृद्धि होती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

मित्र सप्तमी मंत्र:

मित्र सप्तमी के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र या सूर्य देव के मंत्र ॐ मित्राय नमः का जाप करें और गायत्री मंत्र का जाप करने से सभी रोगों से मुक्ति मिलती है।

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
27 November 20254 November 2026
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी
समाप्ति तिथि
मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी
महीना
नवंबर / दिसंबर
कारण
सूर्यदेव की पूजा।
उत्सव विधि
भगवान सूर्य की आराधना, नदी में स्नान, दान, भजन, कीर्तन।
महत्वपूर्ण जगह
नदी घाट, नदी के किनारे।
पिछले त्यौहार
19 December 2023, 30 November 2022, 10 December 2021
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